रतनपुर से युनुस मेनन

बिलासपुर. रतनपुर श्री सिद्ध तंत्र पीठ भैरव मंदिर रतनपुर में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को भैरव बाबा की जयंती श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाई गई। श्री भैरव बाबा का सुबह एक कुंतल गेंदा के फूल से दिव्य श्रृंगार किया गया। पूजा-अर्चन के बाद बाबा को 56 प्रकार के भोग लगाए गए। महाआरती की गई। जनकल्याण के लिए रुद्र महायज्ञ में प्रति दिवस रात्रि में आहुतियां डाली जा रही हैं।

हर रोज भंडारे की व्यवस्था
बाहर से आए श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में हर रोज भंडारे की व्यवस्था दोपहर और रात में मंदिर प्रबंधन की ओर से कीजा रही है। श्री भैरव मंदिर के महंत पंडित जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि वर्ष 2005 से निरंतर हर वर्ष भैरव जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य पर रुद्र महायज्ञ किया जाता है। यह आयोजन जन कल्याण की भावना के साथ हर साल कराया जाता है, जिसमें प्रदेश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच कर यज्ञ में हिस्सा ले रहे हैं। वहीं मंदिर प्रांगण में हो रहे रुद्र महायज्ञ में अब तक 1 लाख 40 हजार आहुतियां दी जा चुकी हैं। 6 दिसंबर को नित्यवान पूजन 8 दिसंबर को यज्ञ पूर्ण आहुति एवं 9 दिसंबर को कन्या भोज, ब्राह्मण भोजन एवं सामुदायिक भंडारा का आयोजन किया गया है। वहीं रुद्र महायज्ञ के साथ भगवान भैरव बाबा को हर रोज रात में तांत्रिक अनुष्ठान में भैरव सहस्त्रनाम पुरुष सुक्तत आदि मंत्रों से विशेष आहुतियां दी जा रही हैं।

रामलीला का भव्य आयोजन…
प्रतिदिन रात्रि में भजन-कीर्तन के साथ ही उत्तर प्रदेश से आई रामलीला मंडली द्वारा रामलीला का भव्य मंचन किया जा रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर रामलीला का आनंद उठा रहे हैं। पं जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि अंतिम दिन मंदिर में भिक्षुकों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें चश्मा, दवा, चरण पादुका सहित अन्य सामग्री प्रबंधन का वितरण किया जाएगा। आयोजन को संपन्न कराने में मंदिर प्रबंधन के सदस्य व वैदिक ब्राह्मण पं दिलीप दुबे, पं महेश्वर पाण्डेय, राजेंद्र दुबे पं कान्हा तिवारी, विक्की अवस्थी सोनू, आचार्य गिरधारी लाल पाण्डेय, पं अवनीश मिश्रा, पं बल्ला दुबे, पं गौरीशंकर तिवारी, पं राम किशोर पांडेय, पं भारत भूषण शर्मा, आलोक पाण्डेय, रवि दिव्यांशु दुबे आदि जुटे हुए हैं।

वसंत पंचमी पर नि:शुल्क सामूहिक विवाह व उपनयन संस्कार:
वसंत पंचमी के दिन 14 फरवरी को श्री भैरव मंदिर परिसर में नि:शुल्क सामूहिक विवाह व उपनयन संस्कार होगा जिसमें प्रदेश के अलग अलग जिले से लोग मदिर पहुंच कर विवाह के लिए पंजीयन करवा रहे हैं।