
शासकीय जे.पी. वर्मा स्नातकोत्तर कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, बिलासपुर (छ.ग.) के अंग्रेजी विभाग द्वारा ‘‘इंडियन इथोस इन इंडियन इंगलिश पोईट्री पर वर्कशॉप‘‘ पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रख्यात प्राध्यापक डॉ. एस.एन. द्विवेदी रहे। विशेष अतिथि के रूप में प्रोफेसर डॉ. शीला तिवारी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य व संरक्षक डॉ. एस.एल. निराला ने की। कार्यक्रम की संयोजक डॉ. सावित्री त्रिपाठी व उप संयोजक प्रोफेसर श्रीमती अल्का शुल्का व डॉ. शशि पाण्डेय रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ विधिवत दीप प्रज्जवलन व राजकीय गीत के साथ हुआ। डॉ. सावित्री त्रिपाठी द्वारा स्वागत उद्बोधन में मुख्य वक्ता डॉ. ए.एन. द्विवेदी के परिचय व कार्यशाला के विषय पर प्रकाश डाला गया। तत्पश्चात् डॉ. द्विवेदी द्वारा इंडियन इथोस पर प्रकाश डालते हुए आज के मुख्य विषयवस्तु का विस्तार करते हुए इसके दो भागों पर चर्चा की गई। जिसमें प्रथम साहित्य में भारतीयता व उसके महत्व को बताया गया तथा द्वितीय भाग में प्राचीन कवियों कालिदास, तुलसीदास व कबीरदास, व अन्य महान कवियों को संदर्भित करते हुए डॉ. द्विवेदी ने उनके साहित्य में भारतीयता की उपस्थिति के विभिन्न उदाहरण दिए।

उन्होंने भारतीय मूल्यों को प्रमुखतः हिन्दू मूल्यों से परिभाषित किया तथा महान भारतीय कवियित्रियों तोरूदŸा व सरोजिनी नायडू व रविन्द्र टैगोर के कविताओं में निहित महानतम् भारतीय मूल्यों की अवधारणा से उत्प्रेरित किया। उनहोंने महान वेद ग्रंथों में निहित तत्वों का वर्णन किया और कविता को साहित्य व कल्पना की सर्वोच्च अभिव्यक्ति के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने श्री अरबिन्दो की महानतम कृति ‘सावित्री‘ का वर्णन करते हुए भारतीय साहित्य की विशेषता तथा इसमें निहित मूल्यों व संस्कृति की व्याख्या की। प्राचार्य डॉ. निराला ने अपने उद्बोधन में भारतीय संस्कृति की प्रशंसा करते हुए ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम‘ की व्याख्या की तथा कबीरदास तुलसीदास, कालिदास व रैडास जैसे महान कवियों की कृतियों में निहित भारतीयता भाईचारे महान व बंधुत्व की भावना को आगे बढ़ाने की सीख दी। उन्होंने विद्यार्थियों को कल्पनाशक्ति का सही उपयोग करते हुए व्यक्तित्व विकास करने की प्रेरणा दी। अन्त में धन्यवाद ज्ञापन आशीष सैमुएल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में एम.ए. अंग्रेजी साहित्य के सभी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रहीे।
