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बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) में सोमवार 18 दिसम्बर, 2023 को मध्याह्न 12 बजे रजत जयंती सभागार में गुरू घासीदास जयंती एवं कुल उत्सव का आयोजन हर्षोल्लास पूर्वक किया गया। छत्तीसगढ़ शासन से माननीय मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री के अतिथ्य में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं अति विशिष्ट अतिथि माननीय उप-मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा रहे। अध्यक्षता माननीय कुलपति महोदय प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने की। मंच पर विशिष्ट अतिथि के रूप में एटीईक्यू इंटरनेशनल, अमेरिका के अध्यक्ष डॉ. विलियम पेंटर, माननीय विधायकगण श्री सुशांत शुक्ला (बेलतरा), श्री धरम लाल कौशिक (बिल्हा) एवं श्री अमर अग्रवाल (बिलासपुर) उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद श्री विष्णु देव साय पहली बार किसी शैक्षणिक संस्थान के सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए।
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सर्वप्रथम सुबह 11 बजे माननीय कुलपति महोदय प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल, कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव एवं अधिष्ठाता, छात्र कल्याण प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने गुरू घासीदास जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की। ततपश्चात् प्रतिमा स्थल से उनके नेतृत्व में शोभा यात्रा प्रारंभ हुई। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं पंथी नृत्य करते हुए शोभा यात्रा के साथ चल रहे थे। शोभा यात्रा का समापन रजत जयंती सभागार में हुआ, जहां गुरू घासीदास जयंती समारोह एवं कुल उत्सव 2023 का आयोजन किया गया।
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उक्त समारोह में सर्वप्रथम अतिथियों ने माँ सरस्वती एवं गुरू घासीदास की प्रतिमा पर माल्यर्पण कर दीप प्रज्जवलन किया। इसके बाद तरंग बैंड के छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय के कुलगीत की संगीतमय प्रस्तुति दी। मंचस्थ अतिथियों का नन्हें पौधों के साथ स्वागत किया गया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए स्वागत उद्बोधन दिया। डॉ. टी.आर रात्रे ने गुरू घासीदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर संक्षिप्त प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि के रूप में एटीईक्यू इंटरनेशनल, अमेरिका के अध्यक्ष डॉ. विलियम पेंटर ने कहा कि विश्वविद्यालय में सामाजिक सरोकार के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। मुझे विश्वास है कि यहां के विद्यार्थी गुरू घासीदास के पद चिन्हों पर चलते हुए विश्व बन्धुत्व, शांति एवं लोक-कल्याण के लिए कार्य करेंगे। अति विशिष्ट अतिथि श्री विजय शर्मा, उप-मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन ने कहा कि विश्वविद्यालय वह स्थान है, जहां लोगों के सपने साकार होते हैं। आज सामाजिक समरसता का दिवस है। सदियों से ही भारत के समरसता को तोड़ने का प्रयास किया जाता रहा है। परन्तु इसमें सफलता नहीं मिली। सामाजिक समरसता के लिए गुरू घासीदास जैसे संतो ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
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जय छत्तीसगढ़, जय जोहार से अपना उद्बोधन प्रारंभ करते हुए अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में माननीय कुलपति महोदय प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने इसे गर्व का विषय बताया कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय का किसी शैक्षणिक कार्यक्रम में यह पहला सार्वजनिक कार्यक्रम है। गुरू घासीदास के संदेश “मनखे-मनखे एक समान” को स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री जी के सहयोग से यह विश्वविद्यालय भारत ही नहीं, पूरे विश्व में नंबर एक बनेगा।
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समारोह के मुख्य अतिथि श्री विष्णु देव साय, माननीय मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन ने कहा कि 18वीं सदी में पूरे देश में भेदभाव, छुआछूत चरम सीमा पर था। ऐसे समय में छत्तीसगढ़ की धरती में पूज्य बाबा गुरू घासीदास का अवतरण हुआ। उन्होंने मनखे-मनखे एक समान का संदेश पूरे विश्व को दिया। हम लोग इस संदेश का पालन करते हुए समरसता बनाए हुए हैं। यह जयंती तभी सार्थक होगी, जब हम आगे भी समरसता बनाए रखेंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय में उठाए गये अभिनव कदमों की सराहना करते हुए कहा कि यहां शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक हित में भी कई कार्य किये जा रहें हैं। विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा लगाये गये रक्त दान शिविर, जरूरत मंद छात्रों को 10 रू में भरपेट भोजन की योजना स्वाभिमान थाली, छत्तीसगढ़ स्वावलंबी योजना, बुजुर्गो के लिए श्रवण हेल्प लाइन जैसी योजनायें अनुकरणीय हैं। उन्होंने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ को समृद्ध एवं सुखी प्रदेश बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। यहां संसाधनों की कमी नहीं है, सिर्फ नियम एवं नीति साफ होना चाहिए।
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इस अवसर पर विश्वविद्यालय के आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया। इसके पश्चात् माननीय कुलपति महोदय प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल द्वारा सम्पादित पुस्तक “गुरू घासीदास सतनाम पंथ के प्रवर्तक” का विमोचन माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने किया। इसके पूर्व उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित रक्त दान शिविर का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर सभी मंचस्थ अतिथियों को शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। अंत में आभार प्रदर्शन प्रो. शैलेन्द्र कुमार, अधिष्ठाता छात्र-कल्याण ने किया। कार्यक्रम में वनवासी कल्याण समिति के कई पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता, शहर के गणमान्य नागरिक, विश्वविद्यालय के कार्य-परिषद् एवं विद्या परिषद् के सदस्य, विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण, अधिकारी-कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।