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गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के वैश्विक आव्हान एक साथ एक मिनट गीता पाठ गीता जयंती पर बिलासपुर के छत्तीसगढ़ हाई स्कूल में गीता पाठ में शामिल हुए छात्र छात्राएं प्रदेश धर्माचार्य श्री रजनीकांत महाराज, अचार्य संकल्प शुक्ला, शाला के प्राचार्य श्री प्रशांत चिपडे सर , मधुकांत शर्मा, विठालकर सर, वारे सर , अंजली शर्मा, सेंडे सर आलोक सर, राजेंद्र भोई, शत्रुघन कृष्ण,सहित बड़ी संख्या में प्रधानाचार्यो ने उपस्थित होकर एक स्वर में गीता जी के प्रथम श्लोक का पाठ प्रारंभ किया सभी ने गीता जी पर अपना विचार रखा श्री गोपाल कृष्ण रामानुजन दास ने कहा गीता जीवन के विषाद को प्रसाद बना देती है।
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गीता जी हमें प्रत्येक अनिर्णय की स्थिति से बाहर निकालकर वास्तविक एवं श्रेष्ठ कर्तव्य का बोध कराती है। गीता की शरण में जाने के बाद अर्जुन ने कहा कि मेरा मोह नष्ट हो गया है और मैंने अपनी उस स्मृति को प्राप्त कर लिया है जो मुझे मेरे कर्तव्य पथ का बोध कराती है।
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ठीक इसी प्रकार अर्जुन की ही तरह गीता जी द्वारा अपने प्रत्येक शरणागत जीव के संशयों का नाश कर उसे उसकी वास्तविक स्थिति एवं कर्तव्यों का बोध कराया जाता है। कर्म को ही योग बना देना ये , गीता जी हमें सिखाती है आज गीता जयंती पर सम्पूर्ण विश्व में एक समय पर एक मिनट में गीता के पाठ का आयोजन हुआ स्कूलों में अध्ययन कर रहे छात्रों को गीता जी के श्लोक का वचन करने पर पुरस्कृत किया गया मानव जीवन में गीता का क्या महत्व है इसपर अचार्य संकल्प शुक्ला ने प्रकाश डाला और बच्चों को धर्म अधर्म जय परजय लाभ हानि जीवन मरण जैसे विभिन्न मध्य से श्रवण कराया गीता जी के आरती के पश्चात् प्रसाद वितरण किया गया