बिलासपुर विधायक श्री अमर अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ अंचल के लोकपर्व छेरछेरा की प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि पौष पूर्णिमा को मनाया जाने छत्तीसगढ़ में दान की संस्कृति से जुड़ा है। नई फसल के आगमन पर धान्य बाहुल्य छत्तीसगढ़ के मैदानी अंचल में छेरछेरा मांगने की पंरपरा है। पौष पूर्णिमा को भगवती शाॅकंभरी जयंती छत्तीसगढ़ का छेरछेरा है, जिस दिन किसान अन्नदाता बनकर बाल वृद्ध याचक बाबा बैरागी सबको अन्नदान देता है। ‘‘छेर….छेरा…..माई कोठी के धान हेरते हेरा’’ शाॅकंभरी जयंती के उत्सव में पूरे छत्तीसगढ़ के गाॅव-गाॅव में गली-गली , पारा-बस्ती में बच्चे बूढ़े सब याचना पात्र लिए टोकरी, झोली, थैली हाथ में लेकर अन्नदान की गुहार लगाते हैं।

अन्नदान संसार का सबसे बड़ा दान है।ऐसा भी माना जाता है जहांगीर के काल में रतनपुर के राजा कल्याण साय 8 साल तक युद्ध कौशल प्रशिक्षण से वापसी पर रानी ने सोने और चांदी के सिक्के दान में इस दिन बटवाए थे।पौराणिक आख्यानों के अनुसार शिव पार्वती विवाह से भी छेरछेरा पर्व जुड़ा हुआ है एवं इस दिन अन्नपूर्णा देवी की पूजा की जाती है। घरों में छत्तीसगढ़ी व्यंजन विशेष चावल का चीला,अनरसा,चौसेला, दूध फरा आदि पकवान बनाए जाते हैं।


जयंती कार्यक्रम में रामदेव कुमावत, गुलशन ऋषि मनीष अग्रवाल महेश चंद्रिका पुरे जुगल अग्रवाल नारायण गोस्वामी प्रशांत पटेल छेदीलाल पटेल शिव पटेल शुभम पटेल लल्ला यादव वीरेंद्र यादव सहित सामाजिक जन उपस्थित रहे।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *