शत्रुघन चौधरी की रिपोर्ट

डी.पी. विप्र महाविद्यालय बिलासपुर को मिला इसरो-आईआईआरएस से जुड़ने का गौरव अब बनेगा राष्ट्रीय स्तर पर स्पेस साइंस और जियो-इन्फॉर्मेटिक्स का नोडल सेंटर

बिलासपुर – डी.पी. विप्र पी.जी. कॉलेज, बिलासपुर को भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत कार्यरत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस), देहरादून के आईआईआरएस आउटरीच प्रोग्राम के अंतर्गत नोडल संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है। यह जानकारी कॉलेज के नवाचार एवं तकनीकी समन्वयक प्रो. निधिश चौबे को आईआईआरएस से ईमेल के माध्यम से प्राप्त हुई है। आईआईआरएस आउटरीच प्रोग्राम, इसरो की एक राष्ट्रीय पहल है, जिसके माध्यम से देशभर के शिक्षण संस्थानों रिमोट सेंसिंग, जी.आई.एस., स्पेस टेक्नोलॉजी, जियो इन्फॉर्मेटिक्स आदि विषयों में अत्याधुनिक ऑनलाइन प्रशिक्षण और शैक्षणिक पाठ्यक्रमों से जोड़ा जाता है। अब डी.पी. विप्र कॉलेज इस प्रतिष्ठित शैक्षणिक नेटवर्क का हिस्सा बन गया है। प्रो. निधिश चौबे ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत संस्थान में आईआईआरएस डिस्टेंस लर्निंग सेंटर की स्थापना की जाएगी, जहाँ विद्यार्थियों को इसरो एवं आईआईआरएस के विशेषज्ञों द्वारा सीधे ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। साथ ही. पाठ्यक्रम पूर्ण करने पर प्रमाण-पत्र भी आईआईआरएस द्वारा जारी किया जाएगा, जो विद्यार्थियों के करियर और उच्च शिक्षा में सहायक सिद्ध होगा।

छात्रों को क्या लाभ होगा?

डी.पी. विप्न कॉलेज को इसरो आई.आई.आर.एस. का नोडल सेंटर बनने से छात्रों को कई महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे।

अत्याधुनिक ज्ञान तक पहुंचः छात्र अब सुदूर संवेदन और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के नवीनतम सिद्धांतों और अनुप्रयोगों तक सीधी पहुंच प्राप्त कर सकेंगे।

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विशेषज्ञों से सीखने का अवसर इसरो आई.आई.आर.एस. के विशेषज्ञों द्वारा आयोजित विशेष व्याख्यान, कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम कॉलेज में उपलब्ध होंगे, जिससे छात्रों को सीधे उनसे सीखने का अवसर मिलेगा।

प्रायोगिक अनुभवः छात्रों को वास्तविक दुनिया के डेटा और उपकरणों के साथ काम करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके व्यावहारिक कौशल में वृद्धि होगी।

अनुसंधान के अवसरः यह नोडल सेंटर छात्रों और शिक्षकों को सुदूर संवेदन और भू-स्थानिक क्षेत्र में अनुसंधान परियोजनाओं में भाग लेने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

रोजगार के अवसरः सुदूर संवेदन और जी.आई.एस. (क) प्रौद्योगिकी आज विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि कृषि, शहरी नियोजन, पर्यावरण निगरानी, आपदा प्रबंधन और जल संसाधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करने से छात्रों के लिए सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

ऑनलाइन पाठ्यक्रम और प्रमाणनः छात्र अब आई.आई.आर.एस. द्वारा प्रदान किए जाने वाले विभिन्न ऑनलाइन पाठ्यक्रमों और प्रमाणपत्र कार्यक्रमों तक आसानी से पहुंच बना सकेंगे, जो उनके कौशल को बढ़ाने में मदद करेगा। कॉलेज की प्राचार्य डॉ. श्रीमती अंजू शुक्ला ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह

सम्मान ‘न केवल हमारे संस्थान के लिए गर्व का विषय है, बल्कि छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर सीखने और भागे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगा। प्रो. निधिश चौबे, कार्यक्रम समन्वयक ने सभी विद्यार्थियों और फैकल्टी सदस्यों से अपील की कि वे समय पर पंजीकरण कर इस स्वर्णिम अवसर का लाभ उठाएं। इस अवसर पर महाविद्यालंय के उप-प्राचार्य डॉ. एम.एस. तम्बोली, डॉ. मनीष कुमार तिवारी, डॉ. आभा तिवारी, प्रो. ए.श्रीराम, डॉ. किरण दुबे सहित अन्य प्राध्यापकों ने हर्ष व्यक्त किया।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें प्रो. निधिश चौबे कार्यक्रम समन्वयक, आईआईआरएस आउटरीच प्रोग्राम डी.पी. विप्न पी. जी. कॉलेज, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ईमेल- dpvipracollege@gmail.com

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