बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) में दिनांक 06 दिसंबर, 2023 को सुबह 9 बजे भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. विनोद तिवारी जी रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की।


विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हम सभी को भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर के आदर्शों, सिद्धातों एवं जीवन मूल्यों को जीवन में आत्मसात करना चाहिए। हमें भेदभाव रहित समाज के निर्माण के सपने को साकार करना है। डॉ. अम्बेडकर का संपूर्ण जीवन सामाजिक समरसता, न्याय, वंचित वर्ग के अधिकारों एवं उत्थान के लिये समर्पित रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने बाबा घासीदास के बताये सूत्र वाक्य मनखे-मनखे एक समान को समाज में स्थापित करने के लिए प्रयास किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. विनोद तिवारी जी ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी महामानव थे। उन्होंने स्वयं के शारीरिक कष्टों को त्यागकर राष्ट्रहित में जीवन समर्पित किया। उनका जीवन समतामूलक समाज के निर्माण में बीता।


गुरु घासीदास विश्वविद्यालय नटराज कलामंच (जीजीवीएनकेएम)
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने गुरु घासीदास विश्वविद्यालय नटराज कलामंच के स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि रजत जयंती सभागार के प्रांगण में मुक्तांगन नाट्य मंच पर विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुरूप संगीत, नाट्य कला एवं अभिनर्तन आदि से जुड़ी अपनी प्रस्तुति देंगे। विद्यार्थियों को अभिव्यक्ति के लिए इसके माध्यम से मंच प्रदान किया जाएगा ताकि वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें।
इससे पूर्व अतिथियों द्वारा परिसर स्थित डॉ. बी.आर. अम्बेडकर जी की भव्य प्रतिमा पर पूजा अर्चना कर पुष्प अर्पित किया गया। तत्पश्चात रजत जयंती सभागार में दीप प्रज्जवलित कर मां सरस्वती, संत गुरु घासीदास जी एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पण किया। अतिथियों का स्वागत नन्हें पौधों से हुआ। तरंग बैंड द्वारा सरस्वती वंदना एवं महानिर्वाण दिवस पर गीत की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम संयोजक प्रो. शैलेन्द्र कुमार अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने स्वागत उद्बोधन दिया।
मंचस्थ अतिथियों का शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन एवं संचालन डॉ. गरिमा तिवारी, सहायक प्राध्यापक वानिकी विभाग ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण, अधिकारी, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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