बेमौसम बारिश से उपार्जन केन्द्रों पर खुले मंे पड़े धान के बचाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। फड़ में खुले में रखे गये धान के बोरों को तारपोलीन के कैप कव्हर से ढंककर बारिश से सुरक्षित किया गया है। कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने आज सवेरे साप्ताहिक टीएल की बैठक में मौसम के मिजाज को देखते हुए खुले पड़े धान के बोरों की पानी से सुरक्षा इंतजाम के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के निर्देश के बाद युद्धगति से खुले में पड़े खरीदे गये तमाम धान के बोरों और स्टेक्स को ढंका गया। खाद्य, मार्कफेड एवं सहकारी बैंक के अफसरों ने आज दर्जनों खरीदी केन्द्रों का दौरा कर तारपोलीन से सुरक्षित ढंकवाया उन्होंने सहकारी समितियों के प्रबंधकों को कड़ी हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि समिति प्रबंधकों को कैप कव्हर के लिए राशि आवंटित की गई है।

इसके बावजूद पानी से धान को नुकसान हुआ तो संबंधित प्रबंधकों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी। कलेक्टर के निर्देश पर आज खाद्य नियंत्रक श्री अनुराग भदौरिया एवं डीएमओ ने पिपरतराई, कोटा, गनियारी, बेलगहना और भरारी खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण किया। अपने समक्ष उन्होंने कैप कव्हर एवं डनेज की व्यवस्था कराई। इसी प्रकार जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी श्री आशीष दुबे ने घुटकू, पोड़ी लाखासार, सकर्रा और बोदरी का निरीक्षण किया। नायब तहसीलदार श्री चंद्रवंशी ने सेमरताल खरीदी केंद्र का निरीक्षण किया। अत्यधिक बारिश होने पर केन्द्र में पानी का जमाव न हो सके, इसके लिए कई जगह पानी निकासी के लिए अस्थायी नाली भी निकाला गया। गौरतलब है कि जिले में 140 खरीदी केन्द्रों के जरिए किसानों से धान खरीदी की जा रही है। अब तक 3 लाख 24 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई है।

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