रतनपुर से युनुस मेनन

रतनपुर की महिमा मंदिरों के नाम से ही प्रसिद्ध है क्योंकि यहां महामाया मंदिर के साथ-साथ कई अन्य मंदिरों का भी पौराणिक कथा है जो आज भी कायम है इन्हीं में से एक मंदिरों की नगरी से प्रसिद्धि प्राप्त छत्तीसगढ़ की अति प्राचीन राजधानी रतनपुर की पावन धरा में क्या नहीं है , यहां पर पूरी मंदिरों की श्रृंखला विद्यमान है जिनमें भगवान शिव शंकर के स्वयंभू लिंगों में से एक रतनपुर का वृधेश्वर नाथ महादेव का अति प्राचीन मंदिर है, जहां पर प्रति सोमवार के अलावा सावन महीना और महाशिवरात्रि जैसे पर्व में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है ,धार्मिक नगरी रतनपुर में आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर रतनपुर बुढ़ा महादेव पर स्थित भगवान दूधेश्वर नाथ मंदिर में सुबह 5:00 बजे से दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई मंदिरों की नगरी से प्रसिद्धि प्राप्त छत्तीसगढ़ की अति प्राचीन राजधानी रतनपुर की पावन धरा में क्या नहीं है , यहां पर पूरी मंदिरों की श्रृंखला विद्यमान है जिनमें भगवान शिव शंकर के स्वयंभू लिंगों में से एक रतनपुर का वृधेश्वर नाथ महादेव का अति प्राचीन मंदिर है, जहां पर प्रति सोमवार के अलावा सावन महीना और महाशिवरात्रि जैसे पर्व में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है ,


धर्मग्रंथों व इतिहास मे प्राचीन काल से ही भगवान शिव के अनेक रूपों की उपासना का उल्लेख मिलता है, किंतु रतनपुर का वृधेश्वर नाथ महादेव असीमित आश्चर्य व रहस्यों को समेटे हुए हैं, जहां आज महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भक्तों का मेला जैसा माहौल है , रतनपुर का यह वृधेश्वर नाथ महादेव का मंदिर अति प्राचीन है,

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