शिशु भवन ने वह रिपोर्ट भी एम्स के डॉक्टर को उपलब्ध नहीं करवाई इस लापरवाही के चलते बच्चे की मौत हो गई और ठीक से इलाज नहीं हो पाया.

शिशु भवन के डॉक्टर से बच्चों के इलाज के रिपोर्ट मांगी तो शिशु भवन ने वह रिपोर्ट भी एम्स के डॉक्टर को उपलब्ध नहीं करवाई इस लापरवाही के चलते बच्चे की मौत हो गई और ठीक से इलाज नहीं हो पाया.

बिलासपुर कलेक्टर के समक्ष शिशु भवन अस्पताल के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई. बिलासपुर पटेलपारा तोरवा क्षेत्र के रहने वाले मनोज पटेल और सोनिया पटेल ने बिलासपुर कलेक्टर के समक्ष शिशु भवन अस्पताल के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई है। सोनिया पटेल का आरोप है कि ईदगाह चौक के पास स्थित शिशु भवन के डॉक्टर की लापरवाही के कारण उनके दो महीने के बच्चे की जान चली गई।

सोनिया पटेल ने बताया कि वह अपने नवजात शिशु को चेकअप के लिए शिशु भवन ले गई थी वहां के डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे ने पेट में ही पानी पी लिया है कुछ दवाई देनी पड़ेगी घबराने की बात नहीं है 48 घंटे में बच्चा ठीक हो जाएगा। इतना कहकर शिशु भवन में बच्चे को एडमिट कर लिया गया। दो दिन बाद वहां के डॉक्टर ने कहा कि बच्चे की तबीयत खराब है ऑपरेशन करना पड़ेगा। ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने कहा कि ऑपरेशन फेल हो गया है। लगभग दो महीने तक अपने यहां भर्ती रखने के बाद शिशु भवन के डॉक्टरों ने बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया यह कहते हुए कि यहां इसका इलाज नहीं होगा कहीं और ले जाओ। 24 घंटे शिशु विशेष सोनिया पटेल ने शिशु भवन के डॉक्टर पर आरोप लगाया कि अपने अस्पताल से डिस्चार्ज करने के बाद उसने सभी डॉक्टरों को यह कह दिया कि इसे कोई भी अपने अस्पताल में भर्ती न करे। नवजात के माता-पिता ने बताया कि वह शहर भर के अस्पतालों में भटकते रहे लेकिन किसी भी डॉक्टर ने उनके बच्चे का इलाज नहीं किया। उन्होंने बताया कि गंभीर हालत में बच्चे को बिना एंबुलेंस बिना किसी सपोर्ट सिस्टम के रायपुर भेज दिया गया। रायपुर एम्स के डॉक्टरों ने जब शिशु भवन के डॉक्टर से बच्चों के इलाज के रिपोर्ट मांगी तो शिशु भवन ने वह रिपोर्ट भी एम्स के डॉक्टर को उपलब्ध नहीं करवाई इस लापरवाही के चलते बच्चे का ठीक से इलाज नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गई शिकायतकर्ता सोनिया पटेल का कहना है की जैसा हमारे बच्चे के साथ हुआ है।

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