भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य और अयोध्या में राम मंदिर बनाने के पीछे जिनकी अहम भूमिका रही है, देश के उस पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को 96 साल की उम्र में उनके शिष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत रत्न का सम्मान देकर गुरुदक्षिणा दी है। लालकृष्ण आडवाणी भारत रत्न पाने वाले देश के 50 वें व्यक्ति हैं। देश का सर्वोच्च सम्मान देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे इस दौर के सबसे सम्मानित व्यक्ति है। आज भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट एजेंडा हिंदुत्व है लेकिन एक दौर में भाजपा के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई कम सेकुलर नहीं थे। यहां तक की 2002 में गुजरात दंगे के बाद वे नरेंद्र मोदी को हटाने के पक्षधार थे। उस वक्त आडवाणी जी ही नरेन्द्र मोदी के पक्ष में मजबूती से खड़े नजर आए थे। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका गुरु ऋण उतारा है ।

आज अयोध्या में राम मंदिर बन जाने से देश का संत समाज और धर्म समाज अति प्रसन्न है लेकिन यह लक्ष्य इतना आसान नहीं था।
राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथ यात्रा के रूप में एक महत्वपूर्ण कर्तव्य निभाने का अवसर दिया जिसने अनगिनत सहयोगियों की आकांक्षाओं, ऊर्जाओं और जुनून को जगाने में मदद की।अगर उस दौर में लालकृष्ण आडवाणी सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा न निकालते तो यह मुद्दा कभी देश व्यापी नहीं बनता।आज एक तरफ रामलला अपने घर पधार चुके हैं तो वही राम जन्मभूमि आंदोलन को धार देने वाले नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न जैसा सर्वोच्च सम्मान देकर उनके प्रति कृतज्ञता जताई गई है। इसे लेकर आम लोगों से लेकर संत समाज, धर्म प्रमुख और आचार्य गण बेहद प्रसन्न है। इस फैसले से बिलासपुर सरकंडा पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर के पीठाधीश्वर और अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज छत्तीसगढ़ प्रमुख आचार्य डॉ. दिनेश चंद्र जी महाराज ने इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि भारत सरकार ने एक ऐसे महान व्यक्ति को देश का सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया है

जो पूरी तरह से इसके योग्य है। यह सम्मान केवल पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का नहीं है बल्कि यह सनातन धर्म के उस पूरे अभियान का भी सम्मान है, जिसके जरिए आगे चलकर सनातन समाज ने अपने आराध्यदेव प्रभु श्री रामलला का मंदिर श्री राम जन्मभूमि में प्राप्त किया। हालांकि इस के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी लेकिन इस अभियान को जो धार लालकृष्ण आडवाणी जी ने दिया था उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। यही कारण है कि देशभर का संत समाज लाल कृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न दिए जाने से प्रसन्न और अभिभूत है। उन्होंने भारत सरकार की इस पहल की मुक्त कंठ से सराहना की है।

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