श्री संजय नारायण हरदास द्वारा रचित गीता भावार्थ ग्रंथ का अनावरण
प पु श्री नरेंद्रनाथ महाराज
नाथ शक्तीपीठ,अकोला के कर कमल द्वारा उनके आशीर्वाद से श्री संजय हरदास द्वारा रचित ग्रंथ “गीता भावार्थ” का गत दिनों विधिवत शास्त्रोक्त पद्धति से लोकार्पण संपन्न हुआ।
प पु वे.शा. संपन्न Dr श्री श्रीकांत शास्त्री गदाधर( अकोला) ने मंत्रोच्चार करते हुए समारोह को एक धार्मिक महोत्सव के सदृश्य स्वरूप प्रदान किया।
अत्यन्त आत्मीय वातावरण में संपन्न इस समारंभ में प पु महाराजाश्री ने इस ग्रंथ का परिचय व संकल्पना देते हुए नाथसंप्रदाय के महत्व व स्थापना करने के परमात्मा के उद्देश्य पर विवेचनात्मक संदर्भ ग्रंथ के द्वारा साधको तक पहुंचाया।
5 से 6 पेज के इस विवेचन के पीछे का उद्देश्य पृथ्वी की उत्पत्ति कैसी एवं क्यों की गई एवं कलियुग में उत्पन्न दुष्प्रवृत्तियों का निराकरण किस प्रकार किया जा सकता है यह सहज एवं सरल विवरण भी ग्रंथ के महत्व को बढ़ाता है।
आद्य गुरु भगवान श्री दत्तात्रेय से ज्ञानेश्वर माऊली तक गुरु परंपरा को समझने में भी यह आलेख अत्यंत महत्वपूर्ण है इसका उल्लेख भी श्री महाराज श्री ने किया।
अपनी इस रचना के बारे में बतलाते हुए रचनाकार श्री संजय नारायण हरदास ने कहा कि प्रकाशित ग्रंथ में गीता के संपूर्ण 18 अध्याय के संस्कृत के 700श्लोकों का मराठी में अर्थ एवं सारांश अत्यंत सरल स्वरूप प्रस्तुत किया है।इस श्रृंखला में परम पूज्य महाराज श्री का आशीर्वचन इस ग्रंथ को प्राप्त हुआ यह हमारा परम सौभाग्य है।
“श्री स्वामी प्रकाशन ” के श्री प्रमोद कुलकर्णी के मूल्यवान सहकार्य एवं ,मेहनत हमारे लिए प्रेरणादायक थी। उनकी कार्यक्रम में उपस्थिति अत्यंत आनंददायक है ।
वैसे ही सुंदर व कल्पनाशील शब्द सृष्टि के लिए सौ शिल्पा नांदे , प्रकाशन के लिए सर्वोपरी मदद करने हेतु श्री संजय रागीनवार,श्रीकांत मैंद का मनःपूर्वक आभार रचनाकार ने व्यक्त किया।
आभार व्यक्त करते हुए श्री संजय जी ने कहा गीताव्रती श्री श्रीनिवास एवं सौ वंदनाताई वरणेकर, का यथोचित मार्गदर्शन अत्यंत महत्वपूर्ण था।
वेद शास्त्र संपन्न श्री प्रणव पटवारी व सौ विशाखाताई पाठक के मार्गदर्शक अभिप्राय से आत्मिक शांती एवं आत्मबल प्राप्त हुआ एवं ग्रंथ रचना का संकल्प पूर्ण हुआ।
प पू श्री गोविंददेव गिरी महाराज एवं प पु नरेंद्रनाथ महाराज के आशीर्वाद से “गीताभावार्थ” प्रस्तुत कर सका।”श्रीकृष्णर्पणमस्तु”
उपस्थित जनों ने तालियों से श्री संजय जी का उत्साह वर्धन किया
इस मंगल बेला में सौ स्मिता हरदास, श्री सदानंद व सौ संध्या लघाटे,श्री संजय जोशी ,संध्या जोशी,श्री सुधीर आंबेकर,श्री मंगेश फडणवीस , सौ फडणवीस,श्री मंदार, एवं अन्य आत्मीय स्वजन उपस्थित थे। इस गरिमामय कार्यक्रम की प्रबुद्ध जनों ने भूरी भूरी प्रशंसा की

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