बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) की भौतिकीय विद्यापीठ के अंतर्गत शुद्ध एवं अनुप्रयुक्त भौतिकी विभाग के तीन शिक्षकों को भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक करोड़ चालीस लाख रुपये का शोध अनुदान प्रदान किया गया है।
इस अवसर पर तीनों शिक्षकों ने माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल से भेंट कर उनके सतत् मार्गदर्शन, दिशा-निर्देश, प्रेरणा और निरंतर प्रोत्साहन के लिए आभार व्यक्त किया है। माननीय कुलपति ने तीनों शिक्षकों सहित अधिष्ठाता प्रो. एच.एस. तिवारी एवं विभागाध्यक्ष प्रो. एम.एन. त्रिपाठी को विभाग के शिक्षकों द्वारा अर्जित इस उपलब्धि पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय को शोध व अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में श्रेष्ठतम विश्वविद्यालयों की सूची में लाना है।
डॉ. प्रदीप दास, सहायक प्रोफेसर, को “टोपोलॉजिकल नोडल लाइन सेमिमेटल्स के फर्मियोलॉजी और मैग्नेटो ट्रांसपोर्ट गुणों” के प्रोजेक्ट के लिए 29 लाख का अनुदान मिला है। इस प्रोजेक्ट में टोपोलॉजिकल सेमिमेटल, जो की भविष्य में क्वांटम कंप्यूटर में इस्तेमाल किया जायेगा जिससे कंप्यूटर के काम करने की क्षमता बहुत अधिक बढ़ जायेगी।
डॉ. शिव पूजन पटेल सहायक प्रोफेसर को “आयन विकिरण के तहत टंगस्टन आधारित नैनो मल्टीयर्स की संरचनात्मक स्थिरता” परियोजना के लिए 45 लाख का अनुदान प्राप्त हुआ है। इस प्रोजेक्ट के तहत, नुक्लेअरफ्यूज़नरिएक्टर्स में इस्तेमाल होने वाले मैटेरियल्स का परिक्षण किया जायेगा जो कि कृत्रिम सूरज बनाने में मददगार साबित होगा। इस प्रोजेक्ट में पार्टिकल एक्सेलरेटर का इस्तेमाल किया जायेगा।
डॉ. पी. रामबाबू, सहायक प्रोफेसर को 62 लाख का अनुदान प्राप्त हुआ है जिसमें दो परियोजनाएं शामिल हैं। प्रथम सिद्धांतों की गणना 36 लाख रुपये के माध्यम से फ्यूचर स्पिंट्रोनिक्स प्रौद्योगिकियों के लिए चुंबकीय हेस्लर मिश्र धातुओं में नवीन टोपोलॉजिकल चरणों की खोज तथा दूसरा विसंगति पर आधारित हेस्लर मिश्र धातुओं में ऊर्जा संचयन हेतु प्रथम सिद्धांत गणना के माध्यम से नर्नस्ट प्रभाव के अध्ययन हेतु 26 लाख रुपये प्रदान किये गये हैं। ज्ञात हो साधारण धारा इलेक्ट्रानिक चार्ज की वजह से होता है लेकिन इस प्रोजेक्ट के तहत इलेक्ट्रान के स्पिन की वजह से धारा को नियंत्रित कर सकते है जिसके वजह से कंप्यूटर के क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी।

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