बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) में माननीय प्रधानमंत्री महोदय श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा आभासी माध्यम से ‘इंडियाज टेक-एड: चिप्स फार विकसित भारत’ कार्यक्रम में गुजरात के धोलेरा और साणंद तथा असम के मोरीगांव में करीब सवा लाख करोड़ रुपये की तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला कार्यक्रम का प्रसारण दो स्थानों क्रमश: रजत जयंती सभागार एवं केन्द्रीय ग्रंथालय में किया गया।
माननीय प्रधानमंत्री महोदय श्री नरेन्द्र मोदी जी के शिलान्यास एवं संबोधन से पूर्व विश्वविद्यालय के टेकनालॉजी इनेबलिंग सेंटर, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनिरिंग विभाग तथा शुद्ध एवं अनुप्रयुक्त भौतिकी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से सेमीकंडक्टर तकनीकी के भविष्य की संभावनाएं विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। इस विशेष अवसर पर डॉ. विजय नाथ, सह-आचार्य इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग, बीआईटी मेसरा, रांची द्वारा आभासी माध्यम से व्याख्यान दिया।
विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने शिलान्यास अवसर पर कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है जब भारत सेमीकंडक्टर चिप निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा। यह सुविधा भारत को तकनीकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और विकसित राष्रों अ की कतार में खड़ा कर देगी। निकट भविष्य में भारत चिप बेस्ड अर्थव्यवस्था का केन्द्र होगा। उन्होंने कहा कि देश में इन तीन परियोजनाओं के शिलान्यास से सेमी कंडक्टर चिप निर्माण में असीम संभावनाओं के द्वार खुलेंगे तथा युवाओं को रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे।
डॉ. विजय नाथ ने अपने व्याख्यान में कहा कि सेमीकंडक्टर चिप का प्रयोग हमारे जीवन में उपयोगी विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। भारत में चिप निर्माण में हो रही प्रगति तथा भारत सरकार के इस क्षेत्र में किये गये अभूतपूर्व प्रयास से राष्ट्र मुख्यत: दक्षिण पूर्व एशिया के साथ समूचे विश्व में योगदान देगा।
इससे पूर्व प्रारंभ में मंचस्थ अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर मां सरस्वती एवं बाबा गुरु घासीदास जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये। तत्पश्चात, अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया। स्वागत उद्बोधन प्रो. शैलेन्द्र कुमार, अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने दिया। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन तथा डॉ. प्रिंसी मतलानी ने संचालन किया। इस अवसर पर विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण, शोधार्थी तथा छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।


भारत सांस्कृतिक विविधताओं का खूबसूरत गुलदस्ता- कुलपति प्रो. चक्रवाल
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने युवा संगम कार्यक्रम में केरल के प्रतिभागियों से भेंट की
विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के युवा संगम कार्यक्रम के अंतर्गत केरल राज्य से पधारे विद्यार्थिओं एवं शिक्षकों के साथ प्रशासनिक भवन के सभाकक्ष में भेंट की। कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि भारत अपनी विविध सांस्कृतिक आयामों के कारण खूबसूरत गुलदस्ता है। हमारा प्रकृति के प्रति मानवीय दृष्टिकोण, सामाजिक उत्तरदायित्वों के प्रति सजगता, लोक कल्याण एवं परोपकार की भावना और सामाजिक समरसता का भाव हमें श्रेष्ठ बनाता है। उन्होंने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री महोदय माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने एवं युवाओं को देश की समृद्ध वैभवशाली एवं गौरवशाली परंपराओं से अवगत कराने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रारंभ किये गये इस युवा संगम कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि केरल पधारे सभी सदस्यों ने छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया के भाव का अनुभव किया होगा।
कार्यक्रम के संचालन युवा संगम कार्यक्रम के विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी प्रो. राजेन्द्र कुमार मेहता ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अश्विनी कुमार दीक्षित ने किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव भी साझा किये।
उल्लेखनीय है कि युवा संगम कार्यक्रम के चौथे चरण में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर छत्तीसगढ़ को भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोझीकोड केरल साथ युग्म किया गया है। इस कार्यक्रम में युवाओं में पर्यटन, परंपरा, प्रगति, प्रौद्योगिकी एवं परस्पर संपर्क को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।

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