*महंगाई ने सुरसा का मुँह बना लिया है और ग़रीबों को निगलने में लगी है-शैलेश*

देश में चुनाव हो गये है और धीरे धीरे सभी चीज मेंहगी होने लगी है,अभी अभी टेलीकॉम कंपनी ने भी अपने काल रेट बढ़ा दिए है क्योंकि चुनाव हो गये है और फिर से एक बार केंद्र में वही है जो पहले थे तो उम्मीद भी क्या किया जा सकता है।अभी अभी राज्य की सरकार ने भी बिजली महँगी कर दिया है और अब जो बिल आया है उससे ज़ोर का करंट लगा है और आगे भी लगेगा,एसा लगता है।सब अपना अपना फ़ायदा सोंच रहे है लेकिन कोई जनता का नही सोंच रहे है जिनकी सत्ता है वो इन मुद्दों पर बात ही नहीं करते है, वो केवल जनता का ध्यान भटकाने में लगे हुए है।

खाद्य पदार्थ आलू,प्याज़,टमाटर और अन्य सब्ज़ियाँ 20% से 50% तक मेंहगी हो गई है,यदि खाद्य तेल की बात करें तो 30% तक महँगा हो गया है।यदि हम दाल की बात करें तो अरहर दाल मूँग डाल और भी दाले 20% तक मेंहगी हो गई है,गैस,डीज़ल,पेट्रोल और यहाँ तक दूध दही भी मेंहगा है।आज सब्ज़ी ख़रीदने जाने में डर लगता गई ग़रीब व्यक्ति सभी सब्ज़ियाँ और फल तो खा ही नहीं पा रहा है ये सच्चाई है,एसे में घर का गुजरा कैसे चलेगा।

घरेलू बचत की बात करे तो महंगाई ने पिछले एक दशक से पीछा नहीं छोड़ा है इसलिए घरेलू बचत भी 11% घट गई है इसका कारण सिर्फ़ और सिर्फ़ मेंहगाई है और इस पर कोई बात नहीं कर रहा है क्योंकि सत्ता धारियों को ये जनता के मुद्दे अच्छे नहीं लगते है वो सिर्फ़ अन्य महत्वहीन मुद्दो पर देश का ध्यान लेजाना चाहते है क्योंकि उसमे उनका फ़ायदा है।देश की आवाज़ कोई बनता है तो उसको दबा दिया जाता है।ग़रीब व्यक्ति और मध्यम वर्गीय परिवार अपना खर्च नहीं चला पा रहा है और इस वक़्त कमजोर दिल वाले भाई बंधु बाज़ार न ही जायें तो अच्छा होगा क्योंकि इससे उनकी सेहत पर असर पड़ेगा।

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