
*5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन को न्याय दिवस के रूप में मनाया जाएगा और पूरे प्रदेश में जातीय जनगणना की मांग की जाएगी।
*2 अक्टूबर गांधी जयंती पर लखनऊ में एक कन्वेंशन आयोजित किया जाएगा जिसका मुख्य मुद्दा जातीय जनगणना होगी।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य कार्यालय से पार्टी के राज्य सचिव एवं पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कामरेड अरविन्द राज स्वरूप ने 10 /11 अगस्त 2024 को पार्टी मुख्यालय लखनऊ में संपन्न पार्टी की राज्य काउंसिल की बैठक के 11 अगस्त की शाम को समाप्ति के पश्चात 12 अगस्त को प्रेस बयान जारी किया।
कामरेड स्वरूप ने कहा कि पार्टी की दो दिवसीय राज्य काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता सुश्री कांती मिश्रा , कामरेड गफ्फार अब्बास एवं कामरेड कल्पनाथ गुप्ता ने की ।
बैठक में कामरेड स्वरूप ने विगत 13 से 15 जुलाई 24 को दिल्ली में संपन्न हुई पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के निर्णयों पर अपना संबोधन प्रस्तुत किया।लोकसभा चुनाव की समीक्षा भी प्रस्तुत की गई तथा उत्तर प्रदेश में पार्टी की गतिविधियों पर रिपोर्ट की गई।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हम भारत तथा उत्तर प्रदेश की जनता को मुबारकबाद दे सकते हैं कि उन्होंने राजनीतिक करवट ली और भारतीय जनता पार्टी को बहुमत ना देकर तथा इंडिया गठबंधन को मुख्य विपक्ष बनाकर संविधान बदलने की उनकी साजिश को नाकाम कर दिया।अगर इंडिया गठबंधन की पार्टियों के बीच में सीट बंटवारे में और अच्छा सामंजस्य होता तो इंडिया गठबंधन और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकता था । इंडिया गठबंधन एक मजबूत ताकत के रूप में उभरा है और भविष्य में इसके मजबूत होने की उम्मीद है । हमारी पार्टी इसके लिए निरंतर प्रयास करेगी।
चुनाव के नतीजे से स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार राजनीतिक और नैतिक तौर से कमजोर हो गई है परंतु उसमें संविधान एवं लोकतंत्र विरोधी और अपनी फासीवादी राजनीति को आगे बढ़ाने की आक्रामक कुटिलता कम नहीं हुई है ।
भारतीय जनता पार्टी के द्वारा फौजदारी के कानून में संशोधन कर दिया गया तथा उसकी उत्तर प्रदेश की सरकार ने कावड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों से कहा कि वह अपना नाम लिखें। इसके पीछे की मंशा बड़ी स्पष्ट है कि उसके द्वारा मुस्लिम अल्पसंख्यकों और दलितों को टारगेट किया जाए। परंतु उसकी साजिश को सुप्रीम कोर्ट ने बीच में ही रोक दिया ।
जनता ने इलेक्शन में सोच लिया था कि “अभी नहीं तो कभी नहीं “और बावजूद इसके कि केंद्र में एनडीए की सरकार तो बन गई है परंतु भारतीय जनता पार्टी को जनता ने 240 पर ही अवरुद्ध कर दिया जो सरकार बनाने के न्यूनतम अंक 272 से 32 कम है। कहां 400 पार का कान फाड़ू शोर था और कहां हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सभी धर्म की जनता ने उसको हवा में उड़ा दिया।
उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से कोई भी चुनावी तालमेल नहीं किया परंतु भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने 6 सीटों को छोड़कर जहां उसने चुनाव लड़ा बाकी सब सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए तथा इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताने के लिए अपनी ताकत लगाई। उत्तर प्रदेश में वामपंथ की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने छह लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों को खड़ा किया और मजबूती से पार्टी का प्रचार किया। अन्य वामपंथी दल चुनाव नहीं लड़े।
उन्होंने अपने संबंध संबोधन में अंतर्राष्ट्रीय विकासक्रमों का भी जिक्र किया और फ्रांस तथा यूनाइटेड किंगडम के चुनाव ,यूरोपीय यूनियन के चुनाव तथा बांग्लादेश के विकास क्रम पर भी प्रकाश डाला और उल्लेख किया कि वहां अल्पसंख्यकों के जीवन और प्रॉपर्टी की रक्षा की जाए।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि आगामी समय में पार्टी जहां इंडिया गठबंधन के साथ मजबूत रिश्ते रखेगी वहीं पार्टी अपनी स्वतंत्र भूमिका का भी निर्वाह करेगी और जनता के प्रमुख सवालों को उठाएगी। संविधान की रक्षा, आरक्षण की रक्षा ,देश के जनतंत्र की रक्षा ,प्रतिदिन जीवन के प्रश्न, रोजगार, नौकरियां, महंगाई ,अल्पसंख्यकों, दलितों एवं महिलाओं पर अत्याचार ,नौजवानों की बेरोजगारी, जाति जनगणना , भारतीय जनता पार्टी द्वारा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश, आदि प्रश्नों पर आवाज बुलंद करेगी तथा जनता को सचेत करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के चुनाव को हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी के अंदर सिरफुट्टवल है । प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं अन्य एक दूसरे से बात नहीं करते ।चुनाव के नतीजे के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का रुतबा भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में घटा है ।मीडिया ऐसा बताता है कि कुछ बड़े नेताओं में आपस में दुआ सलाम भी बंद है।
कामरेड स्वरूप ने राज्य काउंसिल के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि पार्टी आगामी समय में संविधान ,लोकतंत्र एवं किसानों मजदूर तथा विद्यार्थियों के प्रश्न ।लोकतंत्र की रक्षा , रोजगार के लिए संघर्ष। महंगाई पर रोक लगाने का संघर्ष ।अल्पसंख्यकों ,दलित, महिलाओं, बुलडोजर राज के विरुद्ध आवाज ,होने वाले अत्याचार , मजदूर एवं विद्यार्थियों के प्रश्न उठेगी उठायेगी।
पार्टी ने एक 25 सूत्रीय कार्यक्रम तय किया है जिसके आधार पर आगामी समय में काम किया जाएगा और 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर पूरे सूबे में “न्याय दिवस” मनाया जाएगा तथा मांग की जाएगी कि जाति जनगणना करवाने का फैसला तत्काल लिया जाए और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर लखनऊ में ही जाति जनगणना के प्रश्न पर एक कन्वेंशन आयोजित किया जाएगा। इस कन्वेंशन मे सरकार के द्वारा कर्मचारियों को आरएसएस में भाग लेने की अनुमति देने के पीछे छिपी राजनीतिक मंशा की भी पोल खोली जाएगी। कन्वेंशन में देश के विद्वान वक्ताओं को आमंत्रित किया जाएगा।
बैठक में यह भी तय किया गया कि इस वर्ष दिसंबर माह में पार्टी के स्थापना के 100 वर्ष पूरे होंगे और कानपुर में जहां पार्टी की स्थापना हुई थी वहां 26 दिसंबर को एक समारोह आयोजित किया जाएगा और फिर पार्टी के शताब्दी वर्ष में पूरे वर्ष दिसंबर 2025 तक देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
राज्य परिषद की बैठक में राज्य सचिव की रिपोर्ट पर 33 साथियों ने अपने विचारों को व्यक्त किया तथा राज्य सचिव द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
राज्य काउंसिल की बैठक में अन्य के अतिरिक्त राज्य सचिव मंडल के सदस्य कामरेड मोतीलाल, कामरेड राजेश तिवारी, कामरेड रामचंद्र सरस ,कामरेड फूलचंद यादव उपस्थित रहे।
राज्य काउंसिल की बैठक के प्रारंभ में ही पार्टी के वरिष्ठ नेता कामरेड अतुल कुमार अंजान की मृत्यु पर 2 मिनट का शोक रखते हुए उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
समाचार पुष्टि कर्ता
अरविन्द राज स्वरूप
राज्य सचिव
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