9 दिवसीय अखंड नवधा रामायण का हुआ समापन,हजारों अनुयायी पूजा में शामिल,सुबह से रात तक चलता रहा विशाल भंडारा।

बिलासपुर। पिछले नौ दिनों से अनुरागी धाम मोतीमपुर में चल रहे श्री अखंड नवधा रामायण समारोह का आज विशाल भंडारे के साथ समापन हो गया।हर वर्ष की भांति इस बार भी संत शिरोमणि सच्चिदानंद सद्गुरु स्वामी अनुरागी जी के स्नेह आंचल में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के स्नेह में श्री अखंड नवधा रामायण समारोह का आयोजन 29 दिसंबर से किया जा रहा था। प्रतिदिन यहां दूरदराज से आई हुई मानस मंडलियों द्वारा नवधा रामायण का वाचन किया जा रहा था। बड़ी संख्या में ग्रामीण श्रद्धालु इस रामायण पाठ का श्रवण कर रहे थे। हर साल की तरह इस बार भी 7 जनवरी 2024 रविवार को हवन,शहस्त्र धारा,कन्या भोज के साथ ही विशाल भंडारा लगाया गया

जिसमे बिलासपुर,रायपुर,मुंगेली जांजगीर,पेंड्रा,मुंबई,पुणे,गुजरात,दिल्ली, बेंगलुरु,कोलकाता,मध्य प्रदेश के अलावा भारत के बाहर ऑस्ट्रेलिया और मोतीमपुर सहित आसपास के करीब 40 गांव के श्रद्धालु शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया। 7 जनवरी की सुबह 10:30 बजे आरती 12:00 बजे सहस्त्र धारा,कन्या भोज के बाद दोपहर 1:00 से विशाल भंडारा का आयोजन किया गया था। जिसमें इस बार भी लगभग 40,000 श्रद्धालुओं के द्वारा प्रसाद ग्रहण किया गया। कार्यक्रम में देशभर से साधु संत आकर इसमें शामिल हुए जिसमें वृंदावन से पुरुषोत्तम महाराज,चित्रकूट धाम से राधेश्याम महाराज,रतनपुर राम टेकरी से श्री शुक्ला महाराज, मसूरी उत्तराखंड के लवदास महाराज के अलावा अन्य स्थलों के भी साधु संत यहां अपना आशीष देने मौजूद थे।

समापन समारोह में अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्थानीय बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अनुरागी धाम पहुंचकर पूजा अनुष्ठान में शामिल हुए और श्रद्धालु जनों से मेल मुलाकात करने के बाद वापस रायपुर लौट गए। बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ने इस दौरान देशभर से जुड़े श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह स्थल आस्था का बड़ा स्थल बन चुका है। यहां पूरे 9 दिनों तक अखंड नवधा रामायण किया जाता है। हर दिन पूजा पाठ के साथ ही आखिरी दिन बड़ी संख्या में आसपास के कई गांव के लोग यहां इकट्ठे होते हैं और बाबा जी का आशीर्वाद प्राप्त करके अपनी मनोकामना पूरी कराते हैं। निष्ठा आस्था और विश्वास का यह स्थल खूबसूरती का भी स्थल बन गया है। धीरे-धीरे यह पर्यटन स्थल का भी रूप लेता जा रहा है। अनुरागी धाम सेवा समिति के कठिन परिश्रम से ही इस स्थल को यह ऊंचाई प्राप्त हुई है।इस अवसर पर बड़ी संख्या में देश और विदेश के श्रद्धालु यहां इकट्ठे होते हैं।

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अनुरागी धाम में इस बार सबसे विशेष बात यह रही कि इस पवित्र धाम से समिति के द्वारा अपने खर्चे पर पहली बार राम की नगरी अयोध्या धाम में रामलला के दर्शन के लिए स्थानीय ग्रामीण श्रद्धालुओं को हरी झंडी दिखाकर अयोध्या के लिए रवाना किया गया। हालांकि वाहनों में सवार ये सभी श्रद्धालु 14 जनवरी को अपने घरों से अयोध्या के लिए रवाना होंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के तमाम पदाधिकारी और सदस्यों के अलावा बाबा अनुरागी जी के अनन्य भक्त जुटे रहे।

लौकिक – अलौकिक प्रभा के अक्षय स्त्रोत “स्वामी अनुरागी जी”

इस धरती पर देवीय कृपा से जब दुर्लभ संयोग घटित होता है तब ऐसी दिव्य आत्मा जन्म लेती है कि जिनके प्रताप से आस-पास का संसार आलोकित हो उठता है जिनसे न जाने कितने जीवनों का अंधकार दूर हो जाता है।लोगों के जीवन में गुरुकृपा से चेतना का प्रवाह कल-कयल करता हुआ नित्य प्रवाहित होने लगता है। उन्हें जीवन और जगत की सार्थकता प्राप्त हो जाती है।ऐसी ही दिव्य आत्मा ने स्वामी अनुरागी जी के रूप में 2 जनवरी 1915 दिन शनिवार, विक्रम संवत 1917 माह पौष कृष्ण पक्ष (प्रथमा) में अवतरण किया था और वे 6 जनवरी 2007 दिन शनिवार विक्रम संवत 2063 माह माघ कृष्ण पक्ष (चतुर्थी) को ब्रम्हलीन हुये।
अपने लौकिक जीवन के 92 वर्ष में स्वामी अनुरागी जी ने अपने जप-तप और तंत्र साधना से प्रभा और कृपा का ऐसा स्त्रोत जगाया कि मनुष्य जाति को उनका प्रसाद सदैव प्राप्त होता रहेगा।

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