बिलासपुर: महात्मा गांधी के स्वच्छता के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से डी.पी. विप्र महाविद्यालय, बिलासपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के तहत एक बड़े पैमाने पर सफाई अभियान का आयोजन गांधी पड़ाव, सनीचरी, बिलासपुर में किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक डॉ. मनोज सिन्हा के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जो अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर के समन्वयक हैं। इस सफाई अभियान का मुख्य उद्देश्य शहर के महत्वपूर्ण स्थलों की स्वच्छता बनाए रखना और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना था।

कार्यक्रम में डी.पी. विप्र महाविद्यालय के उप प्राचार्य डॉ. एम.एस. तंबोली ने मुख्य भूमिका निभाई, जिनके नेतृत्व में महाविद्यालय के कई अन्य शिक्षाविद् और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने मिलकर गांधी पड़ाव के पूरे क्षेत्र में सफाई की। अभियान में डॉ. मनीष तिवारी, श्री अविनाश सेठी, डॉ. आभा तिवारी, राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. किरण दुबे, प्रोफेसर युपेश कुमार सहित कई प्रमुख शिक्षाविदों और राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इस सामूहिक प्रयास ने न केवल गांधी पड़ाव को साफ-सुथरा बनाने में योगदान दिया, बल्कि स्वच्छता का संदेश भी प्रभावी रूप से लोगों तक पहुंचाया।

कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य:

स्वच्छता का संदेश महात्मा गांधी के जीवन और उनके विचारों का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान का मुख्य उद्देश्य उनके इन्हीं आदर्शों को जनमानस तक पहुंचाना और नागरिकों को यह समझाना था कि स्वच्छता केवल एक अभियान नहीं, बल्कि जीवन का अनिवार्य हिस्सा है। इस अवसर पर डॉ. मनोज सिन्हा ने कहा, “स्वच्छता केवल हमारे आस-पास के क्षेत्र को साफ रखने तक सीमित नहीं है, यह हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। गांधीजी ने स्वच्छता को जीवन का आधार बताया था, और हमें उनके इस संदेश को अपनाकर इसे समाज में फैलाने का संकल्प लेना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य समाज सेवा और स्वच्छता को प्रोत्साहित करना है। इसके माध्यम से छात्रों को जिम्मेदार और जागरूक नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित किया जाता है। इस अभियान ने युवाओं को न केवल सफाई के प्रति जागरूक किया, बल्कि उन्हें यह भी सिखाया कि कैसे छोटे-छोटे कदम बड़े सामाजिक बदलाव का कारण बन सकते हैं।

सफाई अभियान की विशेषता:

इस सफाई अभियान के तहत गांधी पड़ाव और इसके आसपास के क्षेत्र को चुना गया, जो न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि वहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग आते-जाते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में स्वयंसेवकों ने सफाई कार्य की योजना बनाई और टीमों में बंटकर पूरे क्षेत्र को साफ करने का बीड़ा उठाया। प्लास्टिक कचरे, गंदगी, और अन्य अनचाही वस्तुओं को हटाया गया। इसके अलावा, पूरे क्षेत्र में जागरूकता अभियान भी चलाया गया, जहां पोस्टरों और नारों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया गया।

डॉ. एम.एस. तंबोली ने स्वयंसेवकों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा, “स्वच्छता एक सामूहिक जिम्मेदारी है, और इसे बनाए रखना हर व्यक्ति का कर्तव्य है। राष्ट्रीय सेवा योजना के यह युवा स्वयंसेवक समाज में स्वच्छता के संदेशवाहक बन रहे हैं, और मुझे गर्व है कि हमारा महाविद्यालय इस मुहिम का हिस्सा है।” उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अभियान हमें एकजुट होकर समाज की बेहतरी के लिए काम करने की प्रेरणा देते हैं।

कार्यक्रम के दौरान महत्वपूर्ण योगदान:

महाविद्यालय के अन्य शिक्षकों ने भी इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी दिखाई। डॉ. मनीष तिवारी और डॉ. आभा तिवारी ने स्वयंसेवकों को स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया और उन्हें पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी जानकारी दी। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. किरण दुबे ने अभियान के आयोजन में विशेष योगदान दिया। उन्होंने कहा, “यह स्वच्छता अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं को जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य छात्रों को समाज सेवा और जागरूकता के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रेरित करना है।”

श्री अविनाश सेठी और प्रोफेसर युपेश कुमार ने भी स्वच्छता अभियान के दौरान लोगों को जागरूक करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने स्थानीय समुदाय के लोगों से संवाद स्थापित किया और उन्हें बताया कि स्वच्छता केवल एक दिन का काम नहीं है, बल्कि इसे हर दिन बनाए रखना जरूरी है।

स्वयंसेवकों की भूमिका और जनसंपर्क:

इस अभियान में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने बड़े उत्साह और समर्पण के साथ भाग लिया। वे टीमों में बंटकर पूरे क्षेत्र में सफाई कार्य में जुट गए। स्वच्छता के साथ-साथ स्वयंसेवकों ने स्थानीय निवासियों और व्यापारियों से भी संवाद किया और उन्हें स्वच्छता के महत्व को समझाया। स्वयंसेवकों ने उन्हें बताया कि स्वच्छता के अभाव में न केवल बीमारियों का खतरा बढ़ता है, बल्कि यह समाज और पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है।

इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने लोगों को प्लास्टिक के उपयोग को कम करने, कचरा अलग-अलग रखने और उसे उचित तरीके से निपटाने के बारे में जागरूक किया। यह जागरूकता अभियान स्थानीय लोगों के लिए एक प्रेरणा बना और उन्होंने भी इस मुहिम में भाग लेने की इच्छा जाहिर की। इस कार्यक्रम में उमेश कुमार अंकित चंद्रा नंदिनी शर्मा हैली कुशल दुर्गेश साहू योगेश किरण आंचल सूरज एवं महाविद्यालय के स्वयंसेवक उपस्थित रहे

कार्यक्रम की सफलता और भविष्य की योजनाएं:

इस सफल सफाई अभियान के बाद, प्राचार्य डॉ. तंबोली ने सभी शिक्षकों, स्वयंसेवकों और स्थानीय समुदाय के लोगों को कहा कि इस प्रकार के अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं रहते, बल्कि यह समाज में एक नई सोच और जागरूकता लाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय भविष्य में भी इसी प्रकार के जागरूकता अभियानों का आयोजन करता रहेगा, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।

इस कार्यक्रम से यह स्पष्ट हो गया कि राष्ट्रीय सेवा योजना जैसी संस्थाएं युवाओं को समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के अंतर्गत इस सफाई अभियान ने न केवल गांधी जी के स्वच्छता के आदर्शों को बल दिया, बल्कि समाज में स्वच्छता के प्रति एक जागरूकता की लहर भी पैदा की।

राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने भविष्य में भी इसी प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से समाज सेवा में अपने योगदान को बढ़ाने का संकल्प लिया है, जिससे स्वच्छ और स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सके।

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