

गुरुनानक ,खालसा एवम देवकीनंदन स्कूल में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर का त्रिशताब्दी जन्म समारोह पर व्याख्यान
लोकमाता पुण्य श्लोका अहिल्याबाई के 300 वे जन्मजयंती के अवसर पर देश भर में स्कूलों ,कालेजों , सामाजिक ,धार्मिक संस्थानों में आयोजन का कार्यक्रम चल रहा है जिसमे अहिल्याबाई होलकर बिलासपुर जिला आयोजन समिति के द्वारा भी सभी संस्थानो में जन्मजयंती का आयोजन किया जा रहा , बिलासपुर नगर के दो स्कूल गुरुनानक स्कूल तथा देवकीनंदन स्कूल में आज आयोजन किया गया ,आयोजन का मुख्य उद्देश्य आज के पीढ़ी को इतिहास से विश्मृत महान एवम प्रेरणाश्रोत महमनाओ को याद कर उनके द्वारा देशहित एवम समाज हित के किये गए कार्यों को जन जन तक पहुचाकर प्रेरणा लेने प्रेरित किया जा रहा , गुरुनानक खालसा स्कूल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग प्रचारक गणेश साहू जी ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने उद्बोधन में कहा कि आज की पीढ़ी अहिल्याबाई के विषय मे जाने कैसे उनके जीवन से प्रेरणा लिया जा सकता है बाल्यवस्था में बहुत सामान्य घर मे पैदा हुई बेटी कितनी संस्कारवान ,ज्ञानवान ,धर्म के प्रति निष्ठावान और साहशी थी, बचपन से शिवभक्त रही जो जीवन पर्यन्त शिवलिंग को अपने साथ लेकर चलती थी उनके जीवन के देखे तो सारा जीवन कष्ट एवम संघर्ष में गुजरा पति ,बच्चे सशुर के देहावसान के बाद भी राजतंत्र को सुव्यवस्थित रखना प्रजा के प्रति सदैव चिंतनशील रहना और सर्वस्पर्शी होकर राजतंत्र चलना ये कोई साधारण कार्य नहीं हो सकता , विषय प्रवर्तक प्रदीप देशपांडे ने बताया कि किस तरह से एक महान कर्मशील असाधारण महिला रानी के व्यक्तित्व को षडयंत्र पूर्वक भुलाने का प्रयास किया गया जिन्होंने बिना युद्ध किये ही अपने विरोधी को केवल एक पत्र से हरा दिया था उन्होंने रघुनाथ राव को जो अहिल्याबाई के राज्य पर हमला बोलने के नियत से 10 हजार सैनिकों के साथ आक्रमण की तैयारी कर रघुनाथराव मालवा प्रान्त के सीमा पर खड़े थे तब अहिल्याबाई ने उनको पत्र लिखा क्या आप स्त्री से लड़ोगे इससे तो तुम्हारा नाम सदा के कलंकित होगा यदि मेरी हार हुई तो स्त्री के नाते मुझपर कोई दोष नही थोपेगा परन्तु आपकी हार दुनिया मे हँसी का पात्र बना देगा , इस पत्र ने रघुनाथ राव को अंदर से झकझोर के रख दिया और अपने सैनिकों सहित वापस हो गया ऐसी वीरांगना को इतिहास से विश्मृत करना अत्यंत दुखदायी है ।
देवकीनंदन स्कूल में मुख्यवक्ता प्रदीप शर्मा ने उनके विषय मे बताया कि किस तरह वो सादगी और निर्लोभी थी जैसे जैसे अहिल्याबाई कार्य से जनता के बीच पूजनीय हुए वैसे वैसे उनकी ख्याति बढ़ती गयी उनके ख्याति की यशगान करने कांशी से विद्वान कवि उनसे मिलने की इक्छा व्यक्त किये तो अपने राजकीय कार्य के अवकाश समय पर नर्मदा नदी पर नाव में बैठकर उस कवि की कविता को सुनने लगे कवि ने उनके कार्यों की गौरवगाथा को बखान करना सुरु किया तो वह निष्तेज भाव से उनकी कविता सुनने लगे कवि ने पूछा लोकमाता क्या मेरी कविता आपको अच्छी नही लगी इस पर अहिल्याबाई ने कहा मैं एक साधारण महिला हूँ मेरी इतनी प्रशंसा की आवश्यकता नही मेरी दृष्टि में शिवशंकर के अलावा कोई और प्रशंसा के योग्य नही हम सभी को ईश्वर की प्रशंसा और भजन पर अपना ध्यान लगाना चाहिए ,ऐसा कहकर उन्होंने कवि द्वारा लिखी हुई प्रशस्ति को पत्थर से बांधकर नर्मदा नदी में प्रवाहित कर दिया था आज के युग मे कोई छोटा सा काम कर ले तो अपनी वाहवाही करने आतुर हो जाते हैं इन सब बातों से हमे प्रेरणा लेनी चाहिये , कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष धीरेंद्र दुबे ने अपने उद्बोधन में अहिल्याबाई बाई के प्रशासन के विषय पर बात रखी कैसे अहिल्याबाई ने अपने राज्य में महिला सैनिक तैयार की उनके राज्य में 500 से अधिक महिला युद्वकला में पूर्ण दच्छ सैनिक थे जो महिला सशक्तिकरण को दर्शाता है और 300 साल पहले जब महिला पर्दाप्रथा तथा अबला के रूप में देखा जाता था जिसे सैनिक बनाकर समाज मे महिलाओं को समानता का अधिकार दिलाने का संदेश दिया ,उनके राज्य में आपराधिक घटना जैसे चोरी डकैती होने का कारण पता किया जिसमें पता चला सुदुर वनांचल में रहने वालों के पास रोजी रोजगार की कमी थी जिसके कारण वो लोग लूटपाट और डकैती जैसी घटना करते हैं तो उनको बुलाकर अपने राज्य की जमीन देकर खेती किसानी के कार्यकर अपना जीवकोपार्जन करें ऐसे सर्वस्पर्शी भारतमाता के मातृशक्ति के कार्यों से हमे बहुत प्रेरणा मिलती है दुबे ने छात्र ,छात्राओं से आग्रह किया कि अपने पालकों से मोबाइल में गुगल या यूट्यूब में देवी अहिल्याबाई के विषय मे जानकारी अवश्य ले जिससे पालक और बच्चे दोनों को उनके अविस्मरणीय कार्यों की जानकारी प्राप्त कर प्रेरणा ले सकते , दोनों स्कूल के कार्यक्रम जिला कार्यसमिति के सदस्य महेश ठाकुर
तथा प्राचार्य सविता कुशवाहा , कल्पना दुबे ,सचिन शर्मा सहित स्कूल के टीचर एवम बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थे
धीरेंद्र दुबे
जिलाध्यक्ष
आयोजन समिति बिलासपुर


