75 वें डायमंड जुबली, संविधान दिवस के अवसर पर अंबेडकर युवा मंच केद्वारा संविधान दिवस का राष्ट्रीय आयोजन

संभागायुक्त महादेव कावरे ने कहा – कि वे छोटे से गांव से निकले है और आज बाबा साहब संविधान की वजह से इस मुकाम पर है ।

राजेश चंद्रा ने कहा – डा अंबेडकर सिर्फ दलितों के मसीहा नहीं राष्ट्र के नायक है, भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया।

75 बच्चों के द्वारा संविधान की प्रस्तावना का वचन एवं विशेष प्रस्तुति दी गई। प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को बिरसा फूलें अम्बेडकर सम्मान से नवाजा।

बिलासपुर। 75वे “डायमंड जुबली” संविधान दिवस के अवसर पर अंबेडकर युवा मंच के द्वारा आज संविधान दिवस का राष्ट्रीय आयोजन किया गया । एक साथ 75 बच्चों ने जय हो के गीत में सामूहिक नृत्य किया।
संविधान दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संभागायुक्त महादेव कावरे ने कहा कि आने वाला भारत जो है और भी आस पास के देश से कंपीटिशन करना है उसे हमे निकालना है बाबा साहब ने भारत का सपना देखा उसे हम सब मिलकर पूरा कर रहे है, श्री कावरे ने कहा कि बाबा साहब ने अपने जीवन काल में सामाजिक स्थिति को महसूस किया, उस समय काफी असमानता थी, उन्होंने दलित पिछडो के लिए काम किया और संविधान में प्रावधान किया और उन्हें बराबरी में आने का अवसर दिया, ऐसे मसीहा थे बाबा साहब अम्बेडकर। संभागायुक्त ने कहा कि वे जहा रहते थे वह 300 आबादी का गांव था, और आज उस छोटे से गांव से निकलकर यह तक पहुंचे है, यह बाबा साहब के संविधान की देन है।
आचार्य राजेश चंद्रा जो की प्रख्यात बौद्ध विद्वान लेखक तथा समाजसेवी लखनऊ उत्तरप्रदेश के हैं उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 2024 आज है 1949 को भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने भारत को संविधान लोकार्पित किया था। अंबेडकर युवा मंच के आयोजन को लेकर उन्होंने बच्चो की जमकर तारीफ की। बच्चो के अंदर क्रांति लाने का काम अंबेडकर युवा मंच कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्तित्व ने भारत का संविधान लिखा जिसके लिए आज हम एकत्र हुए है। बाबा साहब के कृतित्व सिर्फ दलितों के लिए नहीं पूरे देश के लोगो के लिए है । बाबा साहब के रिगमंडेशन प्रस्ताव पर 1935 में आरबीआई की स्थापना की गई बाबा साहब ने भारत के अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। उन्होंने कहा कि संविधान को इसी दिन संविधान को इसी दिन से अधिनियमित किया गया था।

आचार्य राजेश चंद्रा ने यह भी कहा कि
संविधान का जो सारांश है संविधान की प्रस्तावना उसमें भी चार शब्द हैं जिसको अंबेडकर कहते थे या भारतीय संविधान की आत्मा है, चार शब्द स्वतंत्रता बंधुत्वा और और समता, न्याय, उन्होंने। उन्होंने कहा है की प्रस्तावना का जो प्रस्तावना था जो हम भारत के लोग जो पहला शब्द है प्रस्तावना का जो पहला शब्द है हम भारत के लोग हम सब का संविधान हैं, अक्सर लोग बाबा साहब को संक्षेप में सीमित करके बोलते हैं क्या दलितों के मसीहा, लेकिन वह राष्ट्र के मसीहा है इस राष्ट्र के मसीहा है। वह इस राष्ट्र के नायक है और इस राष्ट्र के नायक हैं। देश में देश में सिखों का सिखों का ग्रंथ है, हिंदू धर्म के रामायण और रामचरितमानस हैं, सभी धर्म के अलग-अलग ग्रंथ हैं लेकिन देश से नहीं चल रहा है। देश चल रहा है भारत के संविधान से। हम सबको संविधान पढ़ना चाहिए अपने अधिकारों के प्रति अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूकता के लिए। संविधान सर्वोपरि धर्म ग्रंथ है। हम सब का संविधान हैं संविधान भारत के हर नागरिक का है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर राजकुमार ने कहा कि अंबेडकर युवा मंच संविधान दिवस के आयोजन से लोगो को जोड़ने का काम कर रहा है, भारत का संविधान की जानकारी समाज और बच्ची को दे रहा है। संविधान दिवस के अवसर पर अंबेडकर युवा मंच के संस्थापक सदस्य दिवंगत सुरेश रामटेके की स्मृति में प्रतिभवान छात्र छात्राओं को खेल, शिक्षा एवं सामाजिक क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने वाले को बिरसा फूले अंबेडकर सम्मान भी प्रदान किया गया। अतिथियों ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में अलीम अंसारी को सेवा रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया , सामाजिक क्षेत्र में सतीश रात्रे एवं डॉ राम नारायण टेकाम को सेवा रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया, खेल के क्षेत्र में आकाश राज सोरठे 68 वाँ स्कूल नेशनल तींरदाजी में गोल्ड मेडल ,कक्षा दसवी में 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले बच्चे कृतिका रावत, उदिता मोटघरे एवं पायल साहू 12th क्लास 73%
सतीश रात्रे , पिरामिड टीम एवम बहुजन महापुरुषों के विचार एवम संविधान का प्रचार प्रसार करना
आदर्श हुमने,* इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन से एम बी ए की डिग्री प्राप्त की
मृदुल गेडाम, गवर्मेंट रशियां से एम बी बी एस की डिग्री प्राप्त
उर्वशी भिमते , म्यूजिक टीचर ई एम आर एस
प्रदीप लहरे , सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य
प्रख्या डोंगरे, ब्रांच मेडल ताइक्वांडो प्रतियोगिता बिरसा फूले अंबेडकर सम्मान प्रदान किया गया ।
अंबेडकर युवा मंच के द्वारा बिरसा फुले अंबेडकर सम्मान अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया।
डॉ बाबासाहेब अंबेडकर प्रतिमा स्थल मे आयोजित कार्यक्रम शाम 7.00 बजे से बच्चों के द्वारा सामूहिक गीत एवं भारतीय संविधान की प्रस्तावना की व्याख्या दी गई। बहुजन महापुरुषों के जीवन पर संघर्षों पर आधारित गीत की प्रस्तुति दी गई
भारतीय संविधान की प्रस्तावना के वाचन से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर अंबेडकर युवा मंच के सदस्य कपिल चौरे के द्वारा बाबासाहेब एवं संविधान पर गीत की प्रस्तुति दी गई एवं 75 बच्चों द्वारा विशेष प्रस्तुति
। सविधान दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने में अंबेडकर युवा मंच के नितेश अंबादे, कुणाल रामटेके, देवेन्द्र मोटघरे, सागर हुमने, रत्नेश ऊके , मिलिंद खोबरागड़े , कपिल चौरे, जावेद खान, सात्विक रामटेके, सरगम हुमने ,राजा नंदेश्वर , सुमित दामके ,रश्मि नागदौने, प्रज्ञा मेश्राम , संघमित्रा वाहने, वर्षा रामटेके, महिमा पारेकर , नविता रावतकर, नालंदा रामटेके, विशाखा रामटेके, तक्षशिला गजभिए, सायूरी रामटेके, नीलिमा गुर्देकर की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सभापति नजीरुद्दीन, अभय नारायण राय ,हरीश वाहने, नरेंद्र रामटेके ,अशोक वाहने, सुखनंदन मेश्राम, नारायणराव हुमने, मगन गेडाम, एम. आर. बाम्बोडे, छेदीलाल मेश्राम, सुरेन्द्र रामटेके ,विनोद उके, मनोज बौद्ध, संतोष खोबरागड़े, जितेंद्र खोबरागड़े, मयंक मेश्राम, सारंग हुमने ,राजेश हुमने, डॉ पंकज टेंभुर्णेकर, महेश चंद्रिकपुरे, दिलीप मेश्राम ,अविनाश ,आनंद, जयंत मेश्राम, राहुल , हर्षवर्धन रामटेके, शैलेश चंद्रिकापुरे, संजय राव ,शैलेश गजभिये, राजेश रामटेके,रामकुमार डहरिया राधेश्याम टंडन ,सुरेश दिवाकर ,आसिफ भाई ,जितेंद्र पाटले ,राजेश्वर सोनी, कृष्णा रात्रे, कमल सिंह, प्रभाकर ग्वाल, क्रांति साहू ,संतोष साहू, राजेश बंजारे ,रामबाबू बौद्ध, समाज अनुसूचित अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्याक महासंघ अजाक्स के पदाधिकारी एवं सदस्य बौद्ध समाज कार्यक्रम का संचालन संघमित्रा वाहने, देवेंद्र मोटघरे, कुणाल रामटेके प्रज्ञा मेश्राम एवं रश्मि नागदौने , वर्षा रामटेके द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन नितेश अंबादे द्वारा किया गया।

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