ज़िला कांग्रेस कमेटी ( शहर/ग्रामीण ) द्वारा 03 दिसम्बर को कांग्रेस भवन में प्रथम राष्ट्रपति ,भारतरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी की जयंती मनाई गई और उनकी छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद की गई ।
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद एक स्वतन्त्रता सेनानी,वकील ,शिक्षक थे ,उन्होंने महात्मा गांधी जी प्रभावित होकर आज़ादी की लड़ाई में भाग लिए, उन्होंने नील की खेती से परेशान किसानों के हक में चंपारण सत्याग्रह किये ,और उन्हें सफलता भी मिली ,आज़ादी की लड़ाई में दो बार जेल जाना पड़ा , 1962 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया 1963 को उनका देहांत हो गया।
संयोजक ज़फ़र अली ,हरीश तिवारी ने कहा कि राजेन्द्र प्रसाद का जन्म 1884 में एक कायस्थ परिवार में हुआ था ,उनके एक भाई और तीन बहने थी ,कुशाग्र बुद्धि के राजेन्द्र बाबू ने अर्थ शास्त्र में एमए एवं विधि की पढ़ाई की ,प्रारम्भिक दिनों में अध्यापन किये फिर वकालत करने लगे ,प्रथम खाद्य मंत्री बने फिर संविधान सभा के अध्यक्ष फिर 1950 में राष्ट्रपति बने ,वे दो बार राष्ट्रपति रहे है और इस पद पर रहते हुए उच्च नैतिकता स्थापित की ,राष्ट्रपति के बाद वे एक आश्रम में अपना जीवन बिताया ,इस प्रकार राजेन्द्र प्रसाद ने राजनीति में एक आदर्श की स्थापना किया।
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,संयोजक ज़फ़र अली, हरीश तिवारी,माधव ओत्तलवार, त्रिभुवन कश्यप, विनोद साहू,राजेश शर्मा,जगदीश कौशिक,स्वर्णा शुक्ला,सुदेश नन्दिनी,उतरा सक्सेना,शुभलक्ष्मी सिंह,अखिलेश बाजपेयी,मनोज शर्मा,रेखेन्द्र तिवारी,पुनाराम कश्यप,गौरव ऐरी,राजकुमार यादव,अब्दुल तस्लीम,वसीम बक्श,विष्णु कौशल,आदि उपस्थित थे।

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