

रेल मजदूर यूनियन द्वारा आज चुनाव प्रचार समाप्त कर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के समस्त कर्मचारियों से अपील की है कि जिन यूनियन के नेताओं ने एनपीएस चालू किया और उसमें हस्ताक्षर किया है उन्हें बाहर का रास्ता दिखाएं रेल मजदूर यूनियन जो 2011 से opsकी लड़ाई लड़ रही है और निर्णायक संघर्ष तक लड़ती रहेगी रेल मजदूर यूनियन का इतिहास ही संघर्षों का इतिहास है अगर अगर रेल मजदूर यूनियन जीत कर आती है तो o p s के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ेगी और 1974 के रेल हड़ताल को दोहरा जाएगा वर्तमान में कर्मचारियों की स्थिति बाद से बदतर होते जा रही है कर्मचारी काम के बोझ से दबा हुआ है कर्मचारियों की संख्या लगातार घटती जा रही है और काम का बोझ दुगना हो गया है प्रशासन का आतंक चरम पर है और पूर्व की यूनियन कर्मचारियों समस्याओं की अनदेखी कर प्रशासन से हाथ मिलाकर कर्मचारियों का लगातार दोहन कर रहा है इस स्थिति में ऐसे यूनियन को बदलना जरूरी है पिछली यूनियनों से कर्मचारियों का मोह भंग हो चुका है वही पर तीनों मंडलों रायपुर बिलासपुर और नागपुर मंडल के कर्मचारियों का रुझान रेल मजदूर यूनियन की ओर दिख रहा है क्योंकि पिछली मान्यता प्राप्त यूनियन के नेताओं ने एनपीएस और यूपीएस में हस्ताक्षर करें हैं वही रेल मजदूर यूनियन की लड़ाई लड़ रही है और समय-समय पर विभिन्न मुद्दों में कर्मचारियों के साथ खड़ी रहती है और किसी राजनीतिक दल से संलग्न भी नहीं है कई पुरानी बड़ी यूनियनों ने मुर्गा भात की पार्टी रखी जिसमें सभी लोगों को किसी भी प्रकार से जोड़ा जा रहा है जिसे कल रायपुर भिलाई और विभिन्न डिवीजन में देखा भी गया है जिसमें रेल मजदूर यूनियन के नेताओं ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जो आज कर्मचारियों को बहला फुसलाकर खाना भारत मुर्गा खिला रहे हैं वही लोग कल इसे वसूल भी कर लेंगे इसलिए कर्मचारियों को अपने हित को देखते हुए सोच समझ कर वोट करना चाहिए

