

गुलामी के पहले शूद्रों को धर्म से दूर रखा गया ना वो मंदिर जा सकते थे ना वो हवन यज्ञ करा सकते थे और आजादी के बाद धर्म से चिपका दिया गया। देवकुमार कनेरी
26 जनवरी 1950 से पहले रामायण, गीता, वेद, पुराण, महाभारत जैसी पुस्तके सवर्ण ही पढ़ते थे 26 जनवरी 1950 के बाद संविधान लागू होते ही वो सारी पुस्तके सवर्णों ने OBC, ST/SC को थमा दी।
और ख़ुद संविधान पढ़ने लगे। संविधान को वो आज भी पढ़ रहें है और हमारे लोगों ने संविधान को उठा कर देखा तक नहीं।
संविधान पढ़कर आज वे वकील, जज, नेता बन गए और हमारे समाज के लोग भक्त, कांवड़िए, कट्टर हिंदू और शास्त्रों के ज्ञानी बन गए ।
वक्त रहते संभाल जाओ नही तो गुलामी की बेड़ियां तुम्हारा इंतज़ार कर रही हैं!

