भारत सरकार के शीर्ष अधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री की राज्य विरोधी नीतियों पर किया गया खुलासा चौंकाने वाला है।

मुख्यमंत्री रहते राज्यों को टैक्स का 50% हिस्सा देने की वकालत करने वाले नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनते ही राज्यों का हिस्सा निचोड़ने लग गए।

आखिर क्यों GST भी सिर्फ राज्यों के संसाधनों को छीनने का एक माध्यम बन कर रह गया!

राज्यों के पास वेलफेयर स्कीम के लिए फंड्स न बचे इसकी साज़िश सिर्फ इसलिए रची जा रही है ताकि सारी योजनाओं का केंद्र एक ही व्यक्ति बन सके।

उससे भी चिंताजनक बात यह है कि इस गंभीर विषय पर मीडिया के किसी समूह ने चर्चा करने की ज़रूरत नहीं समझी।

संविधान निर्माण के समय बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान सभा ने एक लंबी चर्चा के बाद केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का बंटवारा कर एक मज़बूत संघीय ढांचा बनाया था।

जनता को बांटने वाली दृष्टिहीन सोच, शक्तियों के इस संवैधानिक बंटवारे को भी कमज़ोर करना चाहती है।

हमारी नीति स्पष्ट है, राज्यों को उनका न्याय और हक़ देकर, मज़बूत बनाकर ही एक बेहतर भारत का आधार तैयार हो सकता है।

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