लोकेशन बिलासपुर छत्तीसगढ़

संवाददाता शत्रुघन चौधरी
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

शनिवार को जूना बिलासपुर के पुत्री शाला स्कूल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच की बैठक रखी गई ,इस बैठक में यह तय किया गया कि जिस प्रकार सरकार तानाशाह रवैया अपना रही है।

उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।उनका कहना है कि अपनी मांगों के लिए आवाज उठाने पर हड़ताल करने पर सरकार उन्हें बर्खास्त करने जैसे दबाव बना रही है। और उनका कहना है कि वह विभिन्न विभागों के काम करती है उसके बावजूद भी उन्हें कलेक्टर दर पर वेतन भी नसीब नहीं हो रहा है ।


साथ ही उनका कहना है की पेंशन की कोई व्यवस्था नहीं है ,65 साल काम करने के बावजूद भी उन्हें पर्याप्त पेंशन नहीं मिल रहा है ,



और साथ ही उनकी प्रमुख मांग है कि सुपरवाइजर के पद पर कार्यकर्ताओं का सत प्रतिशत प्रमोशन किया जाए जैसा कि अन्य विभागों में किया जाता है ।प्रदेश भर से लगभग 100000 कार्यकर्ता साहिकाये प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम आग्रह पत्र लिखकर अपनी मांगों से अवगत करा रही है उनका कहना है कि सरकार यदि हमारी मांगों पर विचार नहीं करती तो एक बड़ा आंदोलन करने के लिए भी बाध्य होंगे।
पदाधिकारी का कहना है की हड़ताल हमारी स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति है इस पर रोक नहीं लगाया जा सकता लेकिन शासन कलेक्टर के जरिए हड़ताल करने वालों को बर्खास्त करने की चेतावनी देते हुए दबाव बना रही है ।जो अनुचित है संयुक्त मंच का कहना है कि वैसे भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका काम के बोझ से पहले ही दबी है और डिजिटल ऑनलाइन काम अतिरिक्त उन्हें करना पड़ रहा है ।ऑनलाइन उपस्थिति और फोटो कैप्चर करना पड़ रहा हैं,मंच का कहना है की सारी प्रक्रिया सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों की तरह कर दिया गया है लेकिन वेतन उस हिसाब से नहीं मिल रहा है ।मंच का कहना है कि हम सभी काम करते आ रहे हैं और शासन का जो भी निर्देश होगा उसे पूरा करेंगे लेकिन हमारा वेतन कम से कम कलेक्टर दर पर दिया जाए ,क्योंकि केंद्र सरकार मात्र साढ़े चार हजार ही दे रही है।

इतने कम वेतन में इतना काम का दबाव और ऑनलाइन मोबाइल से सारा काम करना पड़ रहा है। उन्होंने शासन से मांग की है कि ऑनलाइन काम के लिए सारे संसाधन उपलब्ध कराया जाए और समय अनुकूल वेतन दिया जाए ।साथ ही पेंशन की भी व्यवस्था हो और सुपरवाइजर के पद पर शत प्रतिशत प्रमोशन किया जाए।साथ ही जिन कार्यकर्ताओं को बर्खास्त किया गया है उन्हें सेवा में वापस लिया जाए एवं उन्हें हड़ताल करने का मौलिक अधिकार दिया जाए । इस पर किसी भी प्रकार का दबाव न बनाया जाए,उनका कहना है कि सरकार यदि हमारी मांगों पर विचार नहीं करती तो एक बड़ा आंदोलन करने के लिए भी बाध्य होंगे। संयुक्त मंच की बैठक में प्रमुख रूप से शामिल पदाधिकारी देवेंद्र पटेल, विश्वजीत हारोड, सौरा यादव सरीता पाठक रुक्मणी सज्जन संतोषी वर्मा भारती मिश्रा सुचित्रा मानिकपुरी, कल्पना चंद सुधा रात्रि

