“आत्मबल से व्यसन पर विजय संभव – ब्रह्माकुमारी संतोषी दीदी”
13 सितम्बर 2025, सीपत। नशा आज समाज को खोखला कर रहा है। शराब, तंबाकू, गुटखा, बीड़ी-सिगरेट जैसी बुरी आदतें परिवार की खुशियाँ छीन रही हैं। इन्हीं विकृतियों से लोगों को बचाने और जीवन में आत्मबल जगाने हेतु ब्रह्माकुमारी सीपत के द्वारा चलाये जा रहे नशा मुक्ति अभियान के तीसरे दिन वरिष्ठ राजयोगिनी संतोषी दीदी ने सीपत के गाँव देवरी और स्थानीय बाल भारती पब्लिक स्कूल एन.टी.पी.सी. में विशेष व्यसन मुक्ति संदेश दिया। गाँव में उनका स्वागत बड़े हर्ष और उत्साह के साथ किया गया।
जहाँ सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण, महिलाएँ, युवा और बच्चे उपस्थित हुए।
सभा को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी संतोषी दीदी ने कहा कि व्यसन किसी भी रूप में व्यक्ति की उन्नति का शत्रु है। शराब, तंबाकू और अन्य नशे की आदतें न केवल शरीर को बीमार करती हैं बल्कि परिवार को कर्ज और कलह की आग में झोंक देती हैं। उन्होंने आँकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि देश की बड़ी आबादी प्रतिदिन लाखों रुपये केवल तंबाकू और गुटखा पर खर्च करती है। यही धन यदि बच्चों की शिक्षा, घर की जरूरत और समाज के विकास पर लगे तो गाँव और देश दोनों की तस्वीर बदल सकती है। उन्होंने कहा कि नशे का सेवन क्षणिक सुख देता है, लेकिन दीर्घकालीन परिणाम दुख और पछतावा ही होते हैं। संतोषी दीदी ने समझाया कि नशे की आदत धीरे-धीरे इंसान की इच्छाशक्ति को कमजोर करती है और अंततः उसे शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्तर पर तोड़ देती है। इसके बाद संतोषी दीदी ने सीपत के विद्यालय का रुख किया, जहाँ बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि नशे की शुरुआत अक्सर जिज्ञासा और साथियों के दबाव से होती है। यदि छात्र अभी से दृढ़ संकल्प ले लें कि वे किसी भी प्रकार का नशा नहीं करेंगे, तो उनका भविष्य उज्ज्वल और सुरक्षित रहेगा।

उन्होंने विद्यार्थियों को मोबाइल से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन पर ध्यान रखते हैं। मीठा ज्यादा हो रहा है मुझे नियंत्रण करना है। इसी प्रकार हमें इस बात का अटेंशन रखना है कि हम सारे दिन में कितना मोबाइल का प्रयोग कर रहे हैं, आवश्यकता से ज्यादा मोबाइल प्रयोग करना हमारे लिए नुकसान कारक है। जिससे हमारी बौद्धिक शक्ति, सुनने की शक्ति, धैर्यता की शक्ति, समझने की शक्ति कम होने लगती है। आज के सोशल मीडिया के रिल को अपने रियल लाइफ से कंपेयर कर अपने आत्मविश्वास को कमजोर बना सकते रहे हैं। आगे बताया कि नशामुक्त जीवन ही सच्ची आज़ादी और सफलता का मार्ग है। बच्चों ने उत्साहपूर्वक व्यसनमुक्ति की शपथ ली। इस अवसर पर स्कूल प्राचार्य सुलभ निगम जी कहा कि मोबाइल मोबाइल के अधिक प्रयोग करने से मन की एकाग्रता कम होने लगती है और इसका बुरा प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है।
संतोषी दीदी ने व्यसन मुक्ति का उपाय बताते हुए कहा कि किसी भी बुरी लत को छोड़ने के लिए सबसे ज़रूरी है आत्मबल। उन्होंने कहा – “मनुष्य तब तक नशा नहीं छोड़ सकता जब तक वह अपने भीतर की शक्ति को पहचान न ले। इसके लिए राजयोग ध्यान सबसे सरल और प्रभावी साधन है।”
ग्रामीणों को राजयोग का संक्षिप्त अभ्यास कराया और बताया कि प्रतिदिन कुछ समय आत्मा और परमात्मा के मिलन का अनुभव करने से मनोबल इतना प्रबल हो जाता है कि व्यसन जैसी बुरी आदतें स्वतः छूट जाती हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी केंद्रों पर निःशुल्क ध्यान प्रशिक्षण उपलब्ध है, जिसका लाभ हर व्यक्ति ले सकता है। कार्यक्रम में विशेष रूप से महिलाओं की बड़ी संख्या उपस्थित रही। दीदी ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि परिवार की रीढ़ महिलाएँ हैं। यदि वे दृढ़ संकल्प लें कि घर में नशे को स्थान नहीं देंगे, तो पुरुषों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
अपने संबोधन के दौरान संतोषी दीदी ने कई प्रेरक प्रसंग भी साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे एक मजदूर, जो रोज शराब पीकर कमाई बर्बाद करता था, ब्रह्माकुमारी केंद्र से जुड़े और राजयोग का अभ्यास करके न केवल नशा छोड़ा बल्कि अब दूसरों को भी प्रेरित कर रहा है। ऐसे उदाहरणों ने ग्रामीणों को गहराई से प्रभावित किया।
कार्यक्रम के अंत में सीपत सेवाकेन्द्र संचालिका बीके मनु दीदी ने सभी उपस्थित लोगों से सामूहिक संकल्प करवाया। ग्रामीणों ने प्रतिज्ञा ली कि वे किसी भी प्रकार का नशा नहीं करेंगे और अपने परिवार व समाज को भी नशे से मुक्त करने का प्रयास करेंगे। महिलाओं ने कहा कि वे अपने बच्चों और परिवार के पुरुष सदस्यों को नशे से बचाने के लिए लगातार प्रेरित करेंगी।
ग्राम सरपंच रीता रूपचंद ने कहा कि संतोषी दीदी का यह संदेश हमारे गाँव के लिए अमूल्य है। पंचायत स्तर पर भी व्यसन मुक्ति अभियान को आगे बढ़ाया जाएगा। गाँव की एक महिला प्रतिभागी ने कहा कि आज तक कई बार पति को नशा छोड़ने के लिए समझाया लेकिन असर नहीं हुआ, अब वे उन्हें राजयोग केंद्र लेकर जाएँगी ताकि वे आत्मबल पा सकें।
ईश्वरीय सेवा में,
बीके संतोषी
ब्रह्माकुमारीज, सीपत

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *