





श्रीमद् भगवत गीता सार सुखद जीवन का आधार शिविर एवं चैतन्य देवियों की झांकी ब्रह्माकुमारीज कोटमीसुनार का आयोजन l
श्रीमद् भगवत गीता सार सुखद जीवन का आधार -ब्रह्माकुमारी शशिप्रभा दीदी l
कोटमीसुनार में ब्रह्माकुमारीज द्वारा सजाई गई चैतन्य देवियों की झाँकी जीवन्त है… शशिप्रभा दीदी
नवरात्र के प्रथम दिन से लग रही चैतन्य देवियों की झांकी एवं गीता सार के द्वारा श्रद्धालु सीख रहे जीवन जीने की कलाl
कोटमीसुनार, 23 सितम्बर, 2025: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय कोटमिसुनार द्वारा स्टेशन मोहल्ला मार्ग पर श्रीमद् भागवत गीता सार सुखद जीवन का आधार नव दिवसीय ज्ञान यज्ञ महोत्सव के साथ -साथ सजाई गई चैतन्य देवियों की झाँकी बहुत ही दर्शनीय एवं जीवन्त है जो कि राजयोग से ही सम्भव है। यहाँ पर माँ दुर्गा के रूपों को अत्यन्त आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
झाँकी का शुभारम्भ गीता सार प्रवक्ता राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी शशिप्रभा दीदी, रामनाथ सोनी, टीकाराम कैवर्त्य, भविष्य भारद्वाज,हेमंत साहू,ईश्वर साहू,धनंजय भाई, अनुराग केवट,भागवत पटेलआदि ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया।
दीदी जी ने श्रद्धालुओं का आह्वान करते हुए कहा कि श्रीमद् भगवत गीता सार सुखद जीवन जीने का आधार है इसके अंतर्गत जीवन के अनेक समस्याओं का समाधान निहित है साथ ही यह हमें आज के तनावपूर्ण वातावरण में सरलता व सहजता से अपनी मनोविकृतियों पर विजय प्राप्त करनें मन का नियंत्रण करनें की कला व शक्ति प्रदान करता हैl राजयोग ध्यान जो कि परमात्मा के द्वारा गीता में सिखाया गया है उससे विषम परिस्थितियों के बावजूद मानव जीवन के उच्चतम लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता हैंl श्रीमद् भगवत गीता सार सुखद जीवन का आधार ज्ञान यज्ञ की शुरुआत 22 सितंबर से हो गया है यह 30 सितंबर तक शाम 4:00 से 6:00 बजे तक श्रद्धालुओं को श्रवण कराया जाएगा l
यह ग्राम वासियों के लिए गौरव की बात है कि इतना सुन्दर आयोजन कोटमीसुनार में किया गया है। यहाँ आने के बाद व्यक्ति स्वयं को तनावमुक्त महसूस करने लगता है। साथ ही आदि शक्ति की जीवन्त प्रस्तुति अत्यन्त सराहनीय है।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी शशिप्रभा दीदी ने बतलाया कि यह झाँकी प्रतिवर्ष नवरात्रि पर ब्रह्माकुमारीज़,प्रभु अनुराग भवन के द्वारा में लगाई जाती है। चैतन्य होने के कारण लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह झाँकी कोटमीसोनार स्टेशन मोहल्ला में 2 अक्टूबर तक लगेगी। इसमें भक्तजन प्रतिदिन शाम को 6 से रात्रि 8बजे तक चैतन्य देवियों के दर्शन कर सकेंगे।






