समय का सदुपयोग ही मनुष्य की सच्ची कमाई — बीके संजय भाई
बिलासपुर, 11 नवम्बर 2025।
वर्तमान समय मानव जीवन का सबसे मूल्यवान समय है। यह समय केवल भौतिक उपलब्धियों का नहीं, बल्कि आत्मिक कमाई का समय है। आज मनुष्य समय को व्यर्थ कार्यों, चिंताओं और नकारात्मक विचारों में गंवा रहा है, जबकि यही समय उसे परमात्मा से योग जोड़कर अपने भाग्य को दिव्य बनाने का अवसर दे रहा है।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, बिलासपुर की मुख्य शाखा, टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन में ब्रह्माकुमारीज मुख्यालय माउंट आबू से पधारे ब्रह्माकुमार संजय भाई जी के सान्निध्य में विशेष एक दिवसीय योग साधना सत्र का आयोजन किया गया।
सत्र में अपने प्रेरक उद्बोधन में बीके संजय भाई जी ने कहा कि समय का सदुपयोग ही जीवन का सच्चा निवेश है। यदि हम एक-एक क्षण को ईश्वर की स्मृति में बिताएँ, तो जन्म-जन्मांतर का कल्याण सुनिश्चित हो जाता है। व्यर्थ विचार, व्यर्थ बोल और व्यर्थ कर्म को त्यागकर, श्रेष्ठ चिंतन और सृजनशील कर्मों में समय लगाएँ। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हनुमान जी के पास अनगिनत शक्तियाँ थीं, किंतु वे उन्हें भूल गए थे। जब उन्हें अपनी शक्ति की स्मृति दिलाई गई, तो उन्होंने असंभव कार्य भी संभव कर दिखाए। उसी प्रकार हम सभी में अपार शक्तियाँ हैं, परंतु स्मृति के अभाव में वे सुप्त पड़ी रहती हैं। राजयोग साधना वह प्रक्रिया है, जो आत्मा को उसकी मूल पहचान देकर उसकी शक्तियों की स्मृति दिलाती है। हर विचार एक ऊर्जा है। जब मन व्यर्थ चिंतन, शिकायत या क्रोध में उलझ जाता है, तो आत्मा की ऊर्जा नष्ट होती है और मन अशांत हो जाता है। परंतु जब हम सकारात्मक, शुभ संकल्प रखते हैं, तो आत्मा पुनः शक्तिशाली बनती है। बीके संजय भाई जी ने कहा कि मनुष्य के जीवन का वास्तविक धन उसकी विचार-शक्ति है। यदि यह शक्ति व्यर्थ बातों में खर्च होती है, तो जीवन में थकावट और असंतुलन बढ़ता है।
अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि उनके जीवन में भी अनेक परिस्थितियाँ और परीक्षाएँ आईं, परंतु उन्होंने हर स्थिति में ईश्वर के प्रति अटूट निश्चय बुद्धि बनाए रखी। जब मन ईश्वर की याद में स्थिर रहता है, तो हर कठिनाई सहज बन जाती है। इसी दृढ़ विश्वास और ईश्वरीय मार्गदर्शन ने उन्हें निरंतर सफलता और आत्मिक शक्ति प्रदान की। उन्होंने सभी को प्रेरित किया कि हर परिस्थिति में विश्वास को बनाए रखना ही सच्ची विजय है।
माउंट आबू स्थित गॉडलीवुड स्टूडियो से पधारी ब्रह्माकुमारी कंचन बहन ने अपने प्रेरणादायक अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब जीवन में ईश्वर की याद और सेवा भावना का संगम होता है, तो हर कार्य सहज ही सफलता में बदल जाता है।
इस अवसर पर सेवाकेंद्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने सभी आगंतुकों का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम आत्मा को शांति, शक्ति और स्थिरता का अनुभव कराते हैं। उन्होंने बताया कि इस साधना सत्र का उद्देश्य मन को व्यर्थ से मुक्त कर ईश्वर से जुड़ना और आत्मिक शक्तियों को जागृत करना है। उन्होंने सभी साधकों से आग्रह किया कि वे नियमित रूप से राजयोग का अभ्यास करें और अपने जीवन को दिव्यता की दिशा में आगे बढ़ाएँ।
सत्र में सैकड़ों साधकों ने भाग लिया और गहन योग अनुभूति के माध्यम से आत्मशक्ति का अनुभव किया। कार्यक्रम के अंत में ईश्वरीय प्रसाद वितरण किया गया।
ईश्वरीय सेवा में,
बीके स्वाति
राजयोग भवन, बिलासपुर

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