मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जयन्ती एवं राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर प्रेरणादायी समारोह का भव्य आयोजन

बिलासपुर। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद शिक्षा महाविद्यालय में भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री, प्रखर राष्ट्रनायक एवं स्वतंत्रता संग्राम के यशस्वी सेनानी मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जी की जयन्ती एवं राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर एक भव्य, प्रेरणादायी एवं साहित्यिक-सांस्कृतिक समारोह का आयोजन अत्यंत हर्षोल्लास के साथ किया गया।

महाविद्यालय परिसर इस अवसर पर देशभक्ति, ज्ञान और संस्कृति के रंगों से आलोकित हो उठा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्री नदीम पाशा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री अहमद की उपस्थिति रही। इसी क्रम में सुब्हानिया अंजुमन इस्लामिया समिति के माननीय सचिव डॉ. एम. एस. के. खोखर, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार पोद्दार, उपप्राचार्य श्रीमती वंदना सिंह व सभी सहायक प्राध्यापकगण, गैर-शैक्षणिक स्टाफ तथा प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षार्थियों की गरिमामयी उपस्थिति ने समारोह की शोभा को अनेक गुना बढ़ा दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के उत्साहपूर्ण स्वागत एवं पुष्पगुच्छ अर्पण से हुआ। विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा और सृजनशीलता का उत्कृष्ट परिचय देते हुए स्वागत गीत, प्रेरणागीत ,प्रभावशाली भाषण, एकल गीत, स्वरचित कविता तथा मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जीवन, विचारों एवं योगदान पर आधारित प्रेरक वक्तव्य प्रस्तुत किए। इन प्रस्तुतियों ने वातावरण को उत्साह, श्रद्धा और प्रेरणा से भर दिया।

वक्ताओं ने अपने उद्बोधनों में मौलाना आज़ाद के शैक्षणिक दर्शन, राष्ट्रीय एकता की भावना, शिक्षा में समान अवसरों की अवधारणा तथा आधुनिक भारत के निर्माण में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा दिवस हमें इस बात की याद दिलाता है कि शिक्षा केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र के चरित्र निर्माण का आधार है।

कार्यक्रम के अवसर पर सचिव महोदय द्वारा प्रेरक संवाद व्यक्त किये —
“मौलाना आज़ाद के विचार भारतीय शिक्षा-जगत की आत्मा हैं। हमें उनके आदर्शों को अपने जीवन एवं शिक्षण दोनों में आत्मसात करना चाहिए, तभी सच्चे अर्थों में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की भावना साकार होगी।”

कार्यक्रम का कुशल संचालन विद्यार्थी सूरज एवं आशीमा द्वारा अत्यंत सौहार्दपूर्ण, अनुशासित और भावनात्मक वातावरण में किया गया। पूरे आयोजन ने शिक्षा, संस्कृति और राष्ट्रभावना की एक अद्भुत समन्वित झलक प्रस्तुत की, जो सभी के लिए अविस्मरणीय बन गई।

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