

“धर्म का मूल सार इंसानियत — पाखंडियों ने अलगाव वाद को बनाया हथियार, सामाजिक कार्यकर्ता श्याम गुप्ता ने दी राष्ट्रीय एकता की पुकार”
छत्तीसगढ़ / देश में बढ़ते सामाजिक तनाव और धर्म–जाति आधारित विभाजन पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रेस रिपोर्टर क्लब के प्रदेश संरक्षक, नागरिक सुरक्षा सेवा संगठन के संस्थापक श्याम गुप्ता ने कहा कि धर्म की स्थापना इंसानियत को ऊँचा उठाने के लिए हुई थी, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने इसे इंसानियत को गिराने का हथियार बना दिया है।
उनका स्पष्ट कहना है कि आज देश की राजनीति का मुख्य केंद्र धर्म और जाति बन चुका है, और इसका सबसे बड़ा शिकार खुद हमारा सर्व समाज हो रहा है।
श्याम गुप्ता ने बताया कि भारतीय सभ्यता में धर्म और जाति का उद्देश्य कभी भी विभाजन नहीं था, बल्कि मनुष्यता, सहयोग, करुणा और सामाजिक संतुलन को मजबूत करना था। समय के साथ कुछ पाखंडी, कट्टर और अलगाववादी तत्वों ने धर्म के वास्तविक उद्देश्य को विकृत कर समाज में नफरत और भेदभाव फैलाने का साधन बना दिया।
उन्होंने कहा कि यह स्थिति न सिर्फ चिंताजनक है, बल्कि हमारे राष्ट्रीय ताने-बाने के लिए गंभीर खतरा भी है।
सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में श्याम गुप्ता लगातार भारतीय सर्व समाज को राष्ट्रीय एकता, अखंडता और विकासशीलता के एक सूत्र में जोड़ने का संदेश दे रहे हैं। उनका मानना है कि भारत की ताकत उसकी विविधता में है और इस विविधता को अगर धर्म–जाति की राजनीति के जाल में उलझाया गया, तो राष्ट्र की गति और विकास दोनों प्रभावित होंगे।
उन्होंने अपील की कि देश का हर नागरिक जागरूक बने और इंसानियत को प्राथमिकता देते हुए धर्म और जाति के नाम पर फैलाए जा रहे भ्रम, उकसावे और नफरत से दूर रहे।
समाज तभी आगे बढ़ेगा जब धर्म के वास्तविक स्वरूप — मानवता, प्रेम, करुणा और सहअस्तित्व — को पहचाना और अपनाया जाएगा।
श्याम गुप्ता का संदेश साफ है —
“धर्म इंसानियत को उठाने के लिए बना है, गिराने के लिए नहीं। अब समय है कि समाज जागे और पाखंडियों की साजिशों को रोककर देश की एकता और विकास को प्राथमिकता दे।”


