बिलासपुर कलेक्टर जनदर्शन में ग्राम महमंद के किसान फरियाद लेकर पहुंचे जिनका कहना है कि उनके खेतों तक जाने के रास्ते पर पहले ही अवैध कब्जा हो चुका है और अब शेष बचे रास्ते पर पंचायत स्कूल भवन का निर्माण कर रहा है, जबकि गांव में पहले से ही स्कूल भवन मौजूद है।

बिलासपुर कलेक्ट्रेट में नजर आ रहे हैं यह लोग वह किसान है जिनका आरोप है कि उनके खेत आने जाने के रास्ते को रोक दिया गया है। देश में इन दोनों कुछ कथित किसान अपने आंदोलन की वजह से चर्चा में है ।उनसे अलग बिलासपुर के ग्राम महमंद में रहने वाले किसानों की अपनी अलग की समस्या है। बताया जा रहा है कि यहां किसानों के खेत के आगे खसरा नंबर 151 में गोचर शासकीय भूमि है, जिस पर पिछले कुछ सालों से अवैध कब्जा कर उसे बेच दिया गया, जिस पर बाहरी लोग अवैध कब्जा कर घर बना रहे हैं । इससे किसानों के खेत मे लगे तार, खंबे भी चोरी हो रहे हैं, जिसकी भी शिकायत की गई थी।

शिकायत यह भी है कि इस बसाहट के साथ यहां आपराधिक तत्वों का भी जमावड़ा बढ़ा है, जिनके द्वारा तमाम तरह के नशे किए जाते हैं। इसके बावजूद भी किसानों की कृषि भूमि के सामने कुछ जगह खाली थी जहां से किसान खेती के कार्य के लिए ट्रैक्टर, हार्वेस्टर लाना- ले जाना करते थे। यही से पानी की निकासी भी होती थी, लेकिन अब पंचायत द्वारा इसी शेष भूमि पर प्राथमिक शाला का निर्माण कराया जा रहा है, जबकि यहां पिछले 33 वर्षों से मुख्य मार्ग में स्कूल संचालित है, जिसका जीर्णोद्धार करवाया जा सकता था, लेकिन ऐसा ना कर गोचर भूमि में पहुंच मार्ग में यह स्कूल निर्माण किया जा रहा है। किसानों की शिकायत है कि यहां स्कूल बन जाने से खेत में ट्रैक्टर, हार्वेस्टर ले जाना असंभव हो जाएगा तो वही बरसात के दौरान पानी की निकासी बंद हो जाएगी, जिससे खेती नहीं की जा सकेगी ।

इस संबंध में किसानों ने पहले भी कलेक्टर से लेकर उप मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया है लेकिन कोई समाधान न निकलने पर किसान एक बार फिर से कलेक्टर के दरबार पहुंचे, जिन्होंने बताया कि वैसे भी लाल खदान का क्षेत्र अपराध और अपराधियों का गढ़ रहा है, इन्ही लोगों द्वारा यहां जमीन पर कब्जा किया जा रहा है, जिन्हें कुछ कहने पर वे जान लेने पर उतारू हो जाते हैं। अगर इस समस्या का समाधान सरकारी स्तर पर नहीं किया तो फिर किसी भी दिन यहां कोई अवांछित घटना भी घट सकती है। इसीलिए किसान कलेक्टर जनदर्शन में एक बार फिर से यह निवेदन करने पहुंचे कि उनके खेत जाने के रास्ते को यथावत रखा जाए।

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