
लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब राजनीतिक पार्टी के द्वारा प्रत्याशियों के प्रचार प्रसार में तेजी लगी गई है छत्तीसगढ़ की बात करें तो छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में चुनाव संपन्न हो रहे हैं पहले चरण 19 अप्रैल को संपन्न हुआ तो वही दूसरा चरण 26 अप्रैल को इन दो चरणों में कुल चार सीटों के लिए मतदान संपन्न हुआ है जबकि बाकी बचे 7 सीटों के लिए तीसरे चरण का मतदान 7 में को संपन्न होना है इसके लिए छत्तीसगढ़ में दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस में अपनी ताकत छोड़ दी है दोनों ही दलों के कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में तेजी से अपने प्रत्याशी के लिए प्रचार कर उनके लिए समर्थन जुटा रहे हैं बिलासपुर लोकसभा के अंतर्गत आने वाले मस्तूरी विधानसभा के देवरीखुर्द वार्ड क्रमांक 42 शहीद चंद्रशेखर आजाद नगर में भी भाजपा प्रत्याशी तोखन साहू के प्रचार के लिए वार्ड क्रमांक 42 के पार्षद लक्ष्मी यादव के द्वारा यहां पूरे क्षेत्र में बैनर पोस्टर लगाए गए थे लेकिन गुरुवार की सुबह जब वह अपने क्षेत्र में मतदाताओं से जनसंपर्क करने निकल रहे थे।

तभी उन्होंने देखा कि वार्ड में लगाए गए उनके पोस्ट को अज्ञात लोगों ने फाड़ दिया है हालांकि बैनर पोस्टर फाड़ने की यह पहली घटना नहीं है विगत नगर निगम चुनाव के दौरान भी यहां काफी गतिरोध देखने को मिला था। आपसी मनमुटाव की वजह से वार्ड से निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई थी हालांकि बैनर को किसने फाड़ा है यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन इस तरह से ओछी राजनीति करने की वजह अगर आपसी तालमेल बैठक पार्टी के लिए काम किया जाए तो कहीं ना कहीं पार्टी उसे क्षेत्र में मजबूत होती है पिछले कुछ समय से लगातार वार्ड पार्षद लक्ष्मी यादव के द्वारा भाजपा प्रत्याशी तोखन साहू के लिए लगातार प्रचार प्रसार कर और देवरी खुर्द में लगातार बुनियादी सुविधाएं सड़क,नाली, पानी की व्यवस्था से क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों से विपक्ष घबरा गए हैं यही वजह है कि इस तरह की हरकत करवे अपनी कुटिल मानसिकता का परिचय दे रहे हैं अच्छा होता कि मैदान में आकर जनता के बीच इस फैसले को छोड़ दिया जाता और देखा जाता कि विकास कार्य की जीत हुई है
यह फिर जनता विकास कार्य को लाकर दिया है जो भी है लेकिन इस तरह से बैनर पोस्टर को फाड़ना राजनीतिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है अगर आपका कार्य और जनता के बीच आपकी पकड़ मजबूत है तो जनता आपको निश्चित तौर पर समर्थन देगी इस तरह से किसी राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता का बैनर पोस्टर पर गुस्सा उतारना न्याय उचित नहीं लगता
