युनुस मेनन रतनपुर

राजनीतिक संरक्षण में इस कदर राजनीतिक से जुड़े लोगों के हौसले बुलंद है कि वह अब किसी भी व्यक्ति के पैसे हड़पने में पीछे नहीं है रहे हैं कमजोर वर्ग में तो इनकी धमक इतनी तेज है कि यह अब उन्हें बेवकूफ बनाकर उनके पैसे इस तरह खर्च कर रहे हैं मानो यह पैसे उनके घर के हैं कुछ ऐसा ही मामला रतनपुर में देखने को मिला है जहां एक 80 वर्षीय वृद्ध बेवा महिला ने रतनपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है की सन् 2020 के मार्च माह में उसने खण्डोबा बाई पास रोड पर स्थित जमीन को 24,00,000/- (चौबीस लाख रूपये) में बिक्री की थी। क्रेता के द्वारा बिक्री राशि में से 16,00,000/- (सोलह लाख रुपये) का चेक एवं 8,00,000/- (आठ लाख रुपये) नगद राशि दिया गया था। जिसे उसने अपने पुत्र मुन्नू, रावत एवं सुनिल रावत के सामने रवि रावत एवं ऋषि कुमार रावत के कहने पर दे दी।उन्होंने बुजुर्ग महिला से यह कहकर पैसे लिए की वे चेक एवं पैसा बैंक में जमा कर देंगे कहकर।उसके बाद जब वह बिमार होने के कारण ईलाज के लिए पैसों की आवश्यकता पड़ने पर तीस अप्रैल को जब उसने रवि रावत एवं ऋषि रावत को पैसे देने के लिए मांग की तो दोनों अनुपार्थीगण के द्वारा कहा गया कि उन्होंने  24,00,000/- (चौबीस लाख रुपये) को आपस में बांट लिये हैं और  कुछ दिन का मोहलत देने पर पूरा पैसा वापस कर देंगे।लेकिन अनुपार्थीगण के द्वारा ना तो बैंक का पासबुक दे रहे है और ना ही 24,00,000/- (चौबीस लाख रुपये) वापस कर रहे है

जिसके बाद अब प्रार्थी ने अनुपार्थीगण के विरुद्ध अमानत में खयानत एवं धोखाधड़ी का रिपोर्ट वर्ज कर कानूनी कार्यवाही करते हुए जमीन की बिक्री राशि 24,00,000/- (चौबीस लाख रूपये) वापस दिलाने की मांग की हे। इस एनएसयूआई के प्रदेश सचिव की धमक जिले के वरिष्ठ नेताओं तक है यही वजह है कि 2 दिन पहले ही रतनपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान अटल श्रीवास्तव के समक्ष उसने अपना  जन्मदिन पर केक भी काटा था।

यही नही धार्मिक नगरी रतनपुर में टीम अटल और टीम शीतल के प्रमुख युवक कांग्रेस कोटा विधानसभा के महामंत्री एवं एनएसयुआई के प्रदेश सचिव रवि रावत के खिलाफ चौबीस लाख रूपये की धोखधड़ी की शिकायत के बाद अब पुलिस को इस दिशा में एक्शन लेना होगा।और शिकायत की जांच कर बुजुर्ग महिला के रकम को वापस दिलाने पहल करनी होगी।इसके अलावा एनएसयूआई के प्रदेश सचिव के खिलाफ  पहले से ही रतनपुर थाने में छेड़खानी एवं मारपीट के तीन-चार अपराधीक मामले दर्ज है लेकिन उसके बाद भी न जाने रतनपुर पुलिस इस पर इतनी मेहरबान क्यों है अब देखना है कि इस शिकायत के बाद क्या पुलिस इन पर कोई कार्रवाई करती है।या फिर पिछले मामलों की तरह या मामला भी पुलिस ठंडा बस्ती में डालकर एक प्रार्थी को दर-दर भटकने मजबूर करती है।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed