
बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल को दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) द्वारा आयोजित पाठ्यक्रम एवं स्व-शिक्षण सामग्री की समीक्षा बैठक में सलाहकार के रूप दिनांक 14 मई, 2024 को सुबह 11 बजे आमंत्रित किया गया। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप मुक्त विद्यालयी शिक्षा के मौजूदा पाठ्यक्रम एवं स्व-शिक्षण सामग्री की समीक्षा की गई। साथ ही एनईपी 2020 के अनुरूप विद्यालयी शिक्षा में विभिन्न आयामों को शामिल करने एवं नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2023 की अनुसंशाओं को अंगीकार करने पर विचार किया गया।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यालयी शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है जिसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों की ड्राप ऑउट दर में कमी आएगी। जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अहम बिंदु सकल नामांकन दर को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। मुक्त शिक्षा के माध्मय से सुविधाजनक, सार्वभौमिक, लचीली और समावेशी शिक्षा का विस्तार किया जा सकता है।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने पाठ्यक्रम में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) तथा शिक्षण में नवाचार पर अधिक से अधिक शामिल किये जाने पर बल दिया। जिससे दूरस्थ शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि एनआईओएस के देश में फैले मजबूत नेटवर्क के माध्यम से व्यावहारिक कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम में कौशल विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि एनआइओएस के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति की वर्चुअल शिक्षा मुहिम को देशभर में सुगमता के साथ पहुंचाया जा सकता है।
इससे पूर्व अतिथियों का नन्हा पौधा भेंट कर स्वागत एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया। बैठक में डॉ. अतुल कोठारी जी, राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास संस्थान नई दिल्ली, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान की अध्यक्षा प्रो. सरोज शर्मा, डॉ. जे.एस. राजपूत, प्रो. नागेश्वर राव कुलपति इग्नू नई दिल्ली, प्रो. एन.के. अम्बस्ट, प्रो. एम.सी. पंत, डॉ. जयेन्द्र सिंह जादव एवं अन्य शिक्षाविद उपस्थित रहे।
