रतनपुर से युनुस मेनन
रतनपुर थाने के पीछे मौजूद तालाब में एक बड़े मगरमच्छ के निकल आनेसे क्षेत्र में कुछ समय के लिए हड़कंप मच गया इसके बाद आनंद फानन में जिसके बाद आनन फानन में वन विभाग और पुलिस के जवानों ने मगरमच्छ को पड़कर ख़ुताघाट बांध में छोड़ा है बारिश की रिमझिम बूंदों के बीच रतनपुर की घनी बस्ती में जो कुछ हुआ उसे देख सब दंग रह गए। थाने के ठीक पीछे स्थित तालाब से एक विशालकाय मगरमच्छ बस्ती में आ गया। पहले तो उसने जिंदा बकरे को अपना डिनर बनाया फिर बस्ती में घूमता रहा। वह तो समय रहते भला हो थाने के दो जाबाज आरक्षकों का जो बारिश में भीगते हुए मौके पर पहुंच गए और वन विभाग के अमले से संपर्क कर घंटो रेस्क्यू के बाद मगरमच्छ को सुरक्षित खुटाघाट जलाशय में छोड़ दिया।
शुक्रवार की रात करीब 12 बजे गिरते पानी में रतनपुर के थाने के बगल गांधी नगर मौहल्ले में एक विशालकाय मगरमच्छ ने इंट्री ली, प्रत्यक्ष दर्शियों से मिली जानकारी के अनुसार मगरमच्छ ने पहले एक घर में बंधा जिंदा बकरा पर हमला किया और उसे खा गया। मगरमच्छ का पेट इतना भर गया था कि वह ज्यादा देर चलने की स्थिति में नजर नहीं आ रहा था जैसे ही मगरमच्छ रोड के किनारे एक नाली पर लोगों को दिखा तो रतनपुर थाने में इसकी सूचना दी गई बताया जा रहा है कि मगरमच्छ बकरे को खाने के बाद एक घर में घुसने का प्रयास कर रहा था। इससे पहले थाने के आरक्षक दीपक मेरावी और महादेव कुजूर रिमझिम बारिश में भीगते हुए मौके पर पहुंच गए और तत्काल वन विभाग के हमले से संपर्क किया
कुछ ही देर बाद वन विभाग के वन विभाग का अमला भी मौके पर आ गया और आरक्षको के साथ रात करीब 12:30 बजे से सुबह 4:00 बजे तक रेस्क्यू कर मगरमच्छ को सुरक्षित खुटाघाट जलाशय में छोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि रतनपुर थाने के ठीक पीछे कृष्णा अर्जुनी तालाब है और कुछ ही दूरी पर भीष्मा तालाब स्थित है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मगरमच्छ कृष्णा अर्जुनी तालाब से बस्ती में घुसा होगा। क्योंकि इससे कुछ दिन पूर्व भीष्मा तालाब में वन विभाग के हमले में दो छोटे मगरमच्छों को पकड़ा था। अब इस मगरमच्छ के बस्ती में आने के बाद कई तरह की चर्चाएं रतनपुर में हो रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर दोनों ही पुराने तालाबों में मगरमच्छों ने अपना ठिकाना बनाया है तो वहां के स्थानीय लोगों को जरा संभल कर तालाब का इस्तेमाल करना होगा