शिव अनुराग भवन राज किशोर नगर में एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम

प्रकृति एवं माँ के ऋण का बोझ कम करने श्रद्धा भाव से पेड़ जरूर लगाये: ए एस पी नीरज चंद्राकर

बच्चे ही देश की नींव है, इनमें अच्छे संस्कार अभी से भरने होंगे: सी एस पी उमेश गुप्ता

बिलासपुरः परमात्मा हमें मौका दे रहे है कि पेड़ लगाकर हम प्रकृति माँ के ऋणों का कुछ अंश चुका पाएं, वरना प्रकृति अपनी रक्षा करने में स्वयं सक्षम है। यह बातें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात नीरज चंद्राकर ने ब्रह्माकुमारी शिव अनुराग भवन राज किशोर नगर में एक पेड़ माँ के नाम कार्यक्रम में कही।
उन्होंने बच्चों, युवा, बुजुर्गों से भरी सभा को संबोधित करते कहा कि भले ही चार बलशाली युवा स्वयं मुकाबला करने में सक्षम हो पर मुसीबत के समय एक पुलिस का साथ उनकी हिम्मत कई गुना बढ़ा देता है। वहीं अपराधियों के मन में पुलिस का भय होना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि काल्पनिक दुनिया और भौतिक सुखों की लालसा में भटकते मनुष्यों के लिये आध्यात्म ही सही मार्ग  है जिसका दायित्व ब्रह्माकुमारी बहनें निस्वार्थ भाव से निभा रही हैं।

सी एस पी सिविल लाइन, उमेश गुप्ता ने कहा कि बिलासपुर वासियों ने चेतना अभियान को जिस प्रकार हाथो हाथ लिया है वही इस शहर की विशेषता है। उन्होंने कहा कि पेड़ की मजबूती का आधार उसका जड़ होती है उसी प्रकार देश की मजबूती का नीव आज के बच्चे हैं । साइबर फ्रॉड से बचने उन्होंने बताया कि आधार कार्ड और पैन कार्ड की प्रति कहीं भी सोच समझकर दें और उसमें किस उद्देश्य से दिया जा रहा है उसका उल्लेख करते दिनांकित हस्ताक्षर अवश्य करें। इससे उसका बैंक एकाउंट खोलने या होटल में ठहरने के लिये दुरूपयोग नहीं हो पायेगा। साथ ही किसी अनजान व्यक्ति को मोबाइल थोड़ी देर के लिये भी न दें।

मंजू दीदी ने कहा कि प्रकृति माँ के साथ  लौकिक माता पिता के प्रति भी स्नेह एवं श्रद्धा का मजबूत रिश्ता रखें। परमात्मा भी ऐसे बच्चों पर न्यौछावर होते है।

लगभग 400 वृक्ष लगाकर संरक्षित करने वाले इंद्रजीत सोहल जी का हुआ सम्मान…
लगभग चार सौ से अधिक वृक्षों का संरक्षण करने वाले इंद्रजीत सोहल जी को उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में ए एस आई उमाशंकर पाण्डे जी, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ओमप्रकाश, नटवर भाई, कैलाश भाई, संदीप भाई, मनोज भाई, रेखा आहूजा, सिमरन बहन, राखी बहन, विनीता बहन इत्यादि की उपस्थिति विशेष रही।

सभी अतिथियों को ईश्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया गया। सभी ने सतगुरु वार का भोग ग्रहण किया।

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