बिलासपुर। बिलासपुर शहर में व्यापार विहार स्थित नगर निगम कॉलोनी में रहने वाले कुरैशी परिवार की नहीं बच्ची के नाम एक से बढ़कर अवॉर्ड दर्ज है। इस कीर्तिमानी बच्ची के नाम पर तमाम तरह के शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन के प्रमाण के साथ ही कई नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्ड भी दर्ज हैं। दरअसल यह पूरा मामला परिवार की जागरूकता का है। जब इंसान चाह लेता है तो शासन की तमाम योजनाओ का लाभ उन्हें मिल जाता है। मगर आज के समय में या तो लोगों को योजना की जानकारी नहीं होती है या फिर जानकारी होने के बाद भी लोग उसका फायदा उठाना नहीं चाहते है। महाराणा प्रताप चौक के पास रहने वाले आर्किटेक्ट पिता अलफरहान और माता स्वालेहा कुरैशी ने गुरुवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में पहुंचकर अपनी जागरूकता का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि अपनी एक वर्षीय बेटी इरजा कुरैशी को शासन की कमोबेश सभी योजनाओं का लाभ दिलाने का प्रयास किया है। कम उम्र में बच्चों को जो योजनाएं शासन की ओर से दी जा रही हैं लगभग सभी की सभी का इस परिवार ने लाभ लेकर जागरूक परिवार होने का प्रमाण दिया है।

आधार कार्ड से लेकर जन्म प्रमाण पत्र,सुकन्या समृद्धि योजना,पासपोर्ट,आंगनबाड़ी योजना,पेन कार्ड जैसे लगभग 42 प्रकार के प्रमाणपत्र की यह बच्ची धारक है। बिलासपुर शहर की नन्ही सी इस बेटी को सात आठ माह से ही योजनाओं का लाभ मिलने लगा था। जन्म के एक साल के भीतर छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर छत्तीसगढ़ की बेटी होने का गौरव हासिल किया है। आज इस कठिन दौर में जागरूकता के अभाव में जहां लोग दैनंदिनी समस्याओं से जूझते हुए जीवन यापन करते हैं वहीं शासन विभिन्न योजनाओं का संचालन कर आम जनता को सहयोग करने का प्रयास करता है,मगर जानकारी के अभाव में लोगों का यहां तक पहुंच पाना अत्यंत दुर्लभ रास्ते से होकर गुजरने जैसा है। इस बेटी के नाम से बिलासपुर छत्तीसगढ़ का नाम विश्वस्तरीय जन जागरूकता के रूप में जाना जा रहा है। प्रारंभिक स्तर पर जीवन के प्रारंभ में ही तीन विश्व रिकॉर्ड बुक में इसका अपना जुड़ चुका है। जंपिंग के मामले में भी उसने रिकॉर्ड काम किया है 1 मिनट में 102 बार जंपिंग कर बच्ची ने पिछले 72 बार के जंपिंग का रिकॉर्ड तोड़ते हुए विश्व रिकॉर्ड में अपनी जगह बना ली है।

इसी तरह विभिन्न पहचान पत्रों में 42 तरह के पहचान पत्र जो शासन द्वारा प्रदान किए जाते हैं इस बच्ची के नाम पर दर्ज हैं। 42 तरह के प्रमाण पत्र बनवाकर परिवार ने इस छोटी सी उम्र में इसका विश्व कीर्तिमान बनवा दिया है। इस तरह का रिकॉर्ड पुराने किसी बच्चे के नाम पर 27 प्रमाण पत्रों का था जिसे पीछे छोड़कर इस बच्चे के नाम पर 42 प्रमाण पत्र होने का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। विभिन्न संस्थाओं से जो अंतरराष्ट्रीय स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर से जांच कर प्रमाण पत्र मेडल प्रदान किया जाता है एक ही संस्था से कम से कम 10 इनाम इसे दिया गया है, जिसे घर पर जाकर अवलोकन किया जा सकता है। कलाम इंटरनेशनल विश्व स्तरीय बैच, ट्रॉफी, प्रमाण पत्र, कप,जर्सी, पहचान पत्र प्रदान किया गया है। इरजा के नाम पर इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड, वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड, गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड, वर्ल्ड रिकॉर्ड आफ इंडिया, कलाम वर्ल्ड रिकॉर्ड इंटरनल, ज़खी बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड,चेतन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड,इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, किंग बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड, एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड जैसे तमाम रिकॉर्ड पर इसका नाम दर्ज है। गूगल में भी इरज़ा कुरैशी लिखने पर इनकी पूरी जानकारी उपलब्ध हो जाती है।

शासन की योजना का लाभ हर नागरिक को उठाना चाहिए

बच्ची के दादा फरीद कुरैशी और दादी आशिया कुरैशी ने खुशी जताते हुए कहा कि बच्ची का पूरा परिवार जागरूक परिवार है,इसलिए उन्होंने शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ उसे दिलाने में अपना योगदान दिया है। इसी तरह तमाम लोग भी अगर शासन की इतनी सारी योजनाएं हैं उसका लाभ ले लें तो शासन की स्कीम सफल हो जाएगी। इसलिए हर इंसान को अपने अधिकार कर्तव्य के साथ-साथ शासन की योजनाओं की भी जानकारी होनी चाहिए और उसका लाभ लेकर शासन के नेक मकसद में अपना हाथ बटाना चाहिए।

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