हादसे कभी बताकर नहीं आते लेकिन दूसरे की लापरवाही से उसे हादसे का शिकार होना पड़ता है कुछ यही नजारा विगत एक हफ्ता पहले तेलीपारा में रोड पर देखने को मिला जब मुख्य मार्ग पर खड़ी ट्रक की रस्सी में फंसकर एक वृद्ध घायल हो गया दरअसल मोहल्ले में ही रहने वाले रमेश शुक्ला बाजार किसी काम से जा रहे थे इसी दौरान किशोर फुटवियर के गोदाम में पहुंचे ट्रक से सामान खाली हो रहा था इसी दौरान ट्रक में मौजूद रस्सी वृद्धि के गले में फंस गई। जिससे वृद्ध के गले में गंभीर चोट आई है रस्सी फास्टर की घटना के बाद वृद्धि को आनन फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के बाद वृद्ध को छुट्टी मिल गई लेकिन अस्पताल के खर्च को देने में अब गोदाम संचालक ढीला रवैया अपना रहा है किशोर फुटवियर का यह गोदाम है जिसने इलाज के नाम पर केवल ₹500 वृद्ध को प्रदान किया इसके शिकायत सिटी कोतवाली थाने में भी की गई लेकिन अब सवाल यह उठता है कि तेलीपारा जैसे भीड़ भाड़ वाले इलाके में यह ट्रक कैसे एंट्री हो गई निश्चित तौर पर इसमें सभी की मिली भगत है लेकिन इसकी वजह से किसी की जान पर बने यह भी उचित नहीं है अब एक वृद्ध को इलाज में इतना खर्च लगा है और उसे केवल कुछ रुपए प्रदान करने जाने की बात कही जाती हो तो निश्चित तौर पर इस पर असंतोष और आक्रोश होना स्वाभाविक है मानवता के दृष्टिकोण से भी संचालक को अपनी गलती स्वीकार करते हुए कम से कम इलाज का खर्च तो उठाना चाहिए ।जिससे वृद्ध को बेहतर इलाज मिल सके