
लोकेशन बिलासपुर छत्तीसगढ़
संवाददाता शत्रुघन चौधरी
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच का धरना प्रदर्शन दी चेतावनी
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर केंद्र और राज्य के समक्ष मांग रखती आ रही है ,इसके बावजूद उनके मांगों पर जरा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बड़ी विडंबना है कि इन्हें कलेक्टर दर पर भी वेतन नहीं दिया जा रहा है ।साथ ही विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन, विभिन्न विभागों के काम के बोझ से दबी कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन डिजिटल करण से जोड़ दिया गया है ।


उसके बावजूद वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं है ना ही इन्हें सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नति किया जा रहा है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक सितंबर को संयुक्त मंच के बैनर तले कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने धरना प्रदर्शन किया है ,और चेतावनी दी है उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो 19 सितंबर को रायपुर में मंत्रालय का घेराव किया जाएगा ।संघ की पदाधिकारी गीतांजलि पांडे और भारती मिश्रा ने अपनी मांगों को पूरा करने शासन से आग्रह किया है अन्यथा उग्र आंदोलन करने मजबूर होना पड़ेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में लगभग एक लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की संख्या है ,प्रदेश की आधी से अधिक आबादी महिलाओं की है उसके बावजूद भी इन्हें अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरना पड़ रहा है ।जबकि सरकार महिला हितैषी होने की बात करती है ,इतनी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सहायिका नेहरू चौक पर इकट्ठा होकर अपनी जायज मांग की बात पर खड़ी हुई है ,उनका कहना है कि सरकारी कर्मचारियों का वेतन में हर साल समय-समय पर इजाफा होता है,

लेकिन इनका वेतन आज भी केंद्र सरकार साढ़े चार हजार रुपये ही दे रही है ,विभिन्न विभागों का काम करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अब ऑनलाइन काम कर रही है इसके एवज में ना ही इन्हें उचित संसाधन दिया जा रहा और ना ही इन्हें मोबाइल का रिचार्ज जैसे जरूरी और मूलभूत सुविधाएं दी जा रही है। इसके बावजूद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शासन के योजनाओं को क्रियान्वित करने दिन-रात जुटी रहती है। उसके बावजूद सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही। इसलिए इन्होंने सड़क की लड़ाई लड़नी पड़ रही है ।


संघ का कहना है मौलिक अधिकार के तहत अपने विचार रखने का अधिकार सभी नागरिकों को है जबकि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी बातें रखती है तो उन्हें डराया धमकाया और दबाव बनाया जा रहा है ।कई कार्यकर्ताओं को सेवा से बर्खास्त करने जैसा अलोकतांत्रिक कार्य भी किया गया है ,इसके विरोध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच आर पार की लड़ाई लड़ने का मन बना रही है। अब देखना होगा महिला हीतैसी होने का दावा करने वाली सरकार उनकी मांगों पर कब तक और क्या आश्वासन देती है।




