जज्बा, शाहेदा और ख्वाब फाउंडेशन मिलकर विश्व थैलेसीमिया दिवस पर जरूरतमंदों के लिए करेंगे प्रयास

बिलासपुर। निजी और सरकारी ब्लड बैंक खाली पड़ गए है, इस विकट स्थिति मे थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए भीषण गर्मी मे रक्त जुटाने कई सामाजिक संगठन एकजुट हुए है। रक्तदान के क्षेत्र मे 13 साल से काम कर रहे जज्बा एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक संजय मतलानी ने प्रेस से कहा विश्व थैलेसीमिया दिवस महज एक अवसर है
रक्त की जरूरत पूरा करने का।उनका संगठन ऐसे शिविरों का आयोजन नियमित करता रहता है। अभी स्थिति खतरनाक हो गई है सभी ब्लड बैंक लगभग खाली हो गए है,इसलिए 19 मई को शहर के रघुराज स्टेडियम के नजदीक होटल टोपाज मे सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक वृहद स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाया जाएगा। ज़ज्बा के साथ मिलकर शाहेदा फाउंडेशन और ख्वाब वेलफेयर फाउंडेशन भी सहयोग करेगा।इस शिविर को प्रोत्साहित करने बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।


बिलासपुर के 180 थैलेसीमिया बच्चों को रक्त की जरूरत पूरा करने के अलावा सिकलसेल के रोगियों के लिए य़ह शिविर उम्मीदो से भरा है। खाली हुए ब्लड बैंकों को भी भरा जाना हैं, इसलिए सदस्यों ने स्वैच्छिक रक्तदान की आमजनता से अपील की है। रक्तदाताओ को शिविर मे हेल्मेट और सर्टिफिकेट के अलावा गारंटी कार्ड दिया जाएगा, जिसे दिखाकर प्रदेश के किसी भी ब्लड बैंक से मरीज़ के लिए ब्लड ले सकता है।
प्रेस क्लब मे हुए कांफ्रेस मे सदस्यों ने कहा थैलेसीमिया पीड़ितों को मिलने वाला डेसीरॉकस टेबलेट की सरकारी सप्लाई 8 महिने हुए बंद कर दी है।16 सौ क़ीमत की य़ह दवा गरीब परिवारो को खरीदना मुमकिन नही है। इस ओर पत्रकारों का विशेष रूप से ध्यान दिलाया गया। शाहिद फाउंडेशन के अब्दुल हुसैन ख्वाब वेलफेयर फाउंडेशन के ब्रैंडन डिसूजा ने भी प्रेस वार्ता को संबोधित किया।


उन्होंने कहा कि प्रमुख इसका उद्देश्य इस रोग से पीड़ित बच्चों के साथ अन्य जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराना है। भीषण गर्मी मे इस चुनौती को पूरा करने ज़ज्बा सोसायटी के साथ कई सामाजिक संगठन आगे आए है।

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