छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी महासंघ ने किया जोरदार विरोध प्रदर्शन

13 जनवरी को महा धरना की दी चेतावनी

संविदा कर्मियों का नियमितिकरण और पुरानी पेंशन योजना बहाली सहित अन्य मांगों को उठाया

नया रायपुर में विद्युत् कंपनी मुख्यालय निर्माण हेतु जारी निविदा का किया विरोध, बताया साजिश और कमीशनखोरी

छत्तीसगढ़ बिजली कर्मचारी महासंघ ने कल 13 दिसंबर को शाम छत्तीसगढ़ पॉवर कम्पनी मुख्यालय रायपुर के समक्ष जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन को ज्ञापन सौंप एक माह के भीतर मांगों पर निर्णय लेते हुए आदेश जारी करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि नीयत समय पर मांगे पूरी नहीं हुई तो आगामी 13 जनवरी को मुख्यालय के दोनों द्वार के समक्ष महा धरना दिया जाएगा जिसके लिए प्रबंधन जिम्मेदार होगा।

महासंघ ने पिछले 2016 और 2018 में नियुक्त संविदा कर्मियों को तत्काल नियमित करने, राज्य सरकार की भांति पॉवर कम्पनी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने, पिछले 9 महीनों से बंद पदोन्नति चालू करने, चतुर्थ उच्च वेतनमान देने, ठेका श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने सहित 22 मांगे शामिल हैं।

सभा को सर्व श्री राधेश्याम जायसवाल, अरुण देवांगन, एल पी कटकवार, बी एस राजपूत, हरीश चौहान, सन्तोष शर्मा, प्रमोद कुर्रे, परमेश्वर कन्नौजे, धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, सुरेश साहू, पूर्णिमा साहू और संविदा कर्मचारी संघ से हरिचरण साहू, कमलेश भारद्वाज, सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। संचालन महामंत्री नवरतन बरेठ तथा आभार संजय तिवारी ने किया ।

वक्ताओं ने पॉवर कम्पनी में चल रही भर्राशाही को उजागर करते हुए कहा कि जहां जनरेशन डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां के पास अपने प्लांट और लाईन संधारण के लिए फण्ड नहीं है वहीं नया रायपुर में 217 करोड़ का प्रशासनिक भवन बनाने आनन फानन मे टेंडर जारी कर दिया। जबकि जनरेशन के प्रबंध निदेशक 4 माह के एक्सटेंशन और मुख्य अभियंता सिविल अगले माह रिटायर होने वाले हैं। इस व्यय का अनुमोदन नियामक आयोग से भी प्राप्त नहीं किया है जो कि गम्भीर अनियमितता और साजिश की ओर इशारा करता है। डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी में हालत यह है कि तृतीय श्रेणी के 45% और चतुर्थ श्रेणी के 75% पद रिक्त है वहीं प्रथम श्रेणी के मात्र 5% और द्वितीय श्रेणी के 10% पद रिक्त है । मात्र 2400 संविदा कर्मियों को नियमित किया जाना है जबकि 3800 पद रिक्त है । कर्मचारी पदोन्नति के अभाव में स्टेगनेट होकर वार्षिक वेतन वृद्धि से वंचित है। ऑफिस में बैठने वाले इंजीनियरों को कंपनी ने 3% तकनीकी भत्ता दे दिया लेकिन वास्तविक रूप से तकनीकी काम करने वाले कर्मचारियों को इससे वंचित रखा है जो कि पावर कंपनीज की कर्मचारी विरोधी मानसिकता को उजागर करता है। महासंघ इसका प्रबल और प्रखर विरोध करता है।

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