गरियाबंद।
राज्य शासन के निर्देशानुसार गरियाबंद जिले में 1 से 3 जून तक शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान जिले के 214 स्कूलों में शिक्षकों की नवीन पदस्थापना की गई, जिससे शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, 30 जूनियर ब्लॉक और 4 देवभोग ब्लॉक की 69 एकल शिक्षक शालाओं में से केवल 13 ही अब एकल शाला बची हैं। इस प्रक्रिया के तहत 133 माध्यमिक और 81 प्राथमिक शिक्षक, कुल 214 शिक्षक, विभिन्न पदों जैसे प्राथमिक शाला प्रधानपाठक, माध्यमिक स्कूल प्रधानपाठक, विज्ञान शिक्षक और व्याख्याता के रूप में नए स्थानों पर पदस्थ किए गए हैं।

पारदर्शी प्रक्रिया से हुआ शिक्षकों का स्थानांतरण

शिक्षकों की पदस्थापना पूरी पारदर्शिता के साथ, शासन के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए की गई। जिले में उन शालाओं को प्राथमिकता दी गई जहां शिक्षकों की कमी थी और विद्यार्थियों की संख्या अधिक। शिक्षकों की नियुक्ति ऑनलाइन काउंसलिंग और रोटेशन आधारित लाटरी पद्धति से की गई।

इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षकों, महिला शिक्षकों, दिव्यांगजनों एवं मान्यता प्राप्त संगठनों के पदाधिकारियों को शासन की गाइडलाइन अनुसार वरीयता दी गई।

कुछ स्थानों पर अब भी रिक्त पद

हालांकि कुछ शालाओं में विषम परिस्थिति या उपयुक्त विकल्प न होने के कारण पदस्थापना नहीं की जा सकी है। इन शालाओं की सूची उच्च कार्यालय को भेज दी गई है, जहां से शीघ्र ही निर्णय लेकर खाली पदों की पूर्ति की जाएगी।

जनप्रतिनिधियों और पालकों ने जताया आभार

शिक्षकों की नई पदस्थापना से ग्रामीण अंचल के नागरिकों, पालकों और जनप्रतिनिधियों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शासन का आभार जताया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी।

प्रशासन की अहम भूमिका

युक्तियुक्तकरण की इस प्रक्रिया को कलेक्टर भगवान सिंह, अतिरिक्त कलेक्टर अरविंद पांडे, और जिला शिक्षा अधिकारी ए.के. सारस्वत के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। इसमें जिला शिक्षा कार्यालय के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों का सराहनीय योगदान रहा।

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