केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया–
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि केंद्रीय बजट हताशा और निराशा भरा है, हर वर्ग बढ़ती महंगाई से परेशान है,पेट्रोल-डीजल-गैस की कीमतों के नियंत्रण का उल्लेख नही है, जो 2022 तक किसान की आमदनी दुगनी करने की बात कर रहे थे ,इस बजट में किसानों की आमदनी कैसे बढ़े कोई योजना नही है,देश की कुटीर और लघु उद्योग सबसे अधिक विदेशी मुद्रा और रोजगार देने वाले सेक्टर है पर उन्हें कैसे संरक्षित व संवर्धित किया जाए इस पर कोई योजनाए नही है कुल मिला कर बजट पूर्व की भांति पूँजीपति, उद्योगपतियों को लाभ देने वाला है गरीबो के लिए बजट शून्य है।
ज़िला अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि बढ़ती महंगाई के बोझ से गरीब आदमी और गरीब हो रहा ,उन्हें मनरेगा से काम तो मिल जाता है पर मजदूरी अपर्याप्त है, उसमे बढ़ोतरी करना था,युवाओ के लिए स्थायी नौकरी की सृजन की व्यवस्था नही दिखता ,सरकार ने इस बजट में अपने सहयोगी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को खुश करने का प्रयास किया है जबकि अन्य राज्यो के साथ स्पष्ट भेदभाव दिख रहा है ,कुल मिलाकर बजट जनता को लाभ देने वाला नही है ,खोदा पहाड़ निकली चुहिया को चरितार्थ करने वाला है।
ऋषि पांडेय,प्रवक्ता शहर
23/7/24

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