बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में बुधवार दिनांक 14 मई 2025 को माननीय कुलपति प्रो0 आलोक कुमार चक्रवाल ने इको फ्रेंडली एवं किफाइती इंधन वाली ई-बाईक ईवीबाइक-डी92 (EV Bike D92) को लॉंच किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन सेंटर एवं एरकी मोटर्स (Erkey Moters) को बधाई एवं शुभकामना प्रेषित करते हुए माननीय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक क्षण है जब हमने इनोवेशन को व्यावहारिक रूप से व्यावसायिक उत्पादन एवं बाजार में उतारने के लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त किया है। यह ई-बाईक इको फ्रेंड्ली, किफायती इंधन और कम कीमत वाली है। इस ई-बाईक का निर्माण एवं इसका लॉंच हमारे मेक इन इंडिया और समाजिक सरोकारों के प्रति समर्पण को भी दर्शाता है। स्टार्टअप के तहत गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के इन्क्यूवेशन सेन्टर में निर्मित ई-बाईक छत्तीसगढ़ राज्य का एक अभिनव इनोवेशन है। पूरी तरह से विश्वविद्यालय प्रांगण में विकसित एवं निर्मित ई-बाईक डी92 प्रदूषण रहित एवं सुरक्षित है। यह इको फ्रेडली डी92 बाईक एक बार चार्ज होने पर 150 किमी तक चल सकती है। इसकी अधिकतम गति 120 किमी प्रति घण्टा है। इसी के साथ विश्वविद्यालय के इन्क्यूवेशन सेन्टर में ई-स्कूटी का भी निर्माण किया गया है, जो 80 किमी तक चल सकती है। ईवी बाईक एवं स्कूटी को चार्ज करने में लगभग 03 घण्टे का समय लगता है। यह अभिनव प्रयास माननीय प्रो0 आलोक कुमार चक्रवाल जी के सतत प्रेरणा एवं प्रोत्साहन से इन्क्यूबेशन सेंटर के द्वारा किया गया है, जिसमें विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल एवं प्रोडक्शन इंजीनियरिंग तथा इलेक्ट्रानिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है।
इस ऐतिहासिक अवसर पर एरकी मोटर्स (Erkey Moters) ने बताया की इस बाईक के अभी तक 300 ऑर्डर मिल चुके है, जिसका व्यापक पैमाने पर गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के प्रांगण में ही उत्पादन होगा। यह हमारे इन्क्यूबेशन इंको सिस्टम की सफलता और विश्वविद्यालय कैम्पस के इनोवेशन से व्यावसायिक उत्पादन के लक्ष्य को दर्शाता है। इससे न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि बाजार में गहरी पैठ एवं धाक जमेगी। डीएसटी टेक्नालॉजी इनेवलिंग सेंटर के तत्वावधान में कार्यरत् इको मोटर्स प्रायवेट लिमिटेड ने विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन सेंटर में ही इस बाईक की डिजाइनिंग और निर्माण किया है। इसकी प्रारम्भिक कीमत 1.5 लाख से 1.8 लाख के बीच रखी गई है।


उल्लेखनीय है कि माननीय कुलपति जी के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय में स्वावलम्बी छत्तीसगढ़ योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ स्वावलंबी बनाने का एक दूरदर्शी कार्य प्रारम्भ किया गया है, जिसमें लगभग 5,000 विद्यार्थी पंजीकृत है तथा विभिन्न स्वावलंबी प्रकल्पों से जुड़े हुए है। माननीय कुलपति जी का दृष्टिकोण है कि विद्यार्थी अध्ययनकाल में ही नवाचार तथा स्टार्टअप आदि से जुड़कर अपने पढ़ाई का खर्च स्वयं वहन करने की क्षमता विकसित करे। पढ़ाई के उपरान्त कौशल हासिल कर सफल उद्यमी बनने का प्रयत्न कर सके। विद्यार्थियों के द्वारा स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना के अंतर्गत विभिन्न उत्पादों यथा बेकरी प्रोडक्ट्स, मशरूम उत्पादन, हर्बल प्रोडक्स, हर्बल गुलाल, राखी, सैनिटेशन प्रोडक्ट्स आदि के साथ ही बैम्बू एवं गन मेटल की कलात्मक कृतियों को बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। माननीय कुलपति जी के नेतृत्व में विद्यार्थी विभिन्न प्रकल्पों के द्वारा अनुभवजन्य शिक्षा ग्रहण कर स्वावलंबन की ओर कदम बढ़ा रहे है, जो भविष्य में विद्यार्थियों के आत्मनिर्भरता के साथ ही भारत की आत्म निर्भरता में अमूल्य योगदान प्रदान करेगा।
ई-बाईक के लॉच के अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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