सामूहिक विवाह आयोजन के लिए संभागीय श्रीवास समाज बिलासपुर बधाई के पात्र- त्रिलोक चंद्र श्रीवास, सामूहिक विवाह खर्चों में कमी करती ही है, अपितु सामूहिकता को बढ़ावा देती है, सामाजिक जुड़ाव और सद्भाव को संवर्धन करती है, बिलासपुर संभागीय श्रीवास समाज लगातार या आयोजन कर रहा है, इसके लिए बधाई के पात्र है, यह बातें बिलासपुर में संभागीय श्रीवास- समाज के द्वारा अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर आयोजित सामूहिक विवाह के पुण्य अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रांत सर्व सेन समाज के प्रांतीय अध्यक्ष श्री त्रिलोक चंद्र श्रीवास ने मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किया, इस अवसर पर श्री त्रिलोक श्रीवास ने कहा विवाह दो शरीर नहीं दो आत्माओं का मिलन है ,परमपिता परमेश्वर को ईश्वर को साक्षी मानकर अग्नि के समक्ष सात फेरे लेकर सात वचन निभाने का जो हम सौगंध लेते हैं, सात जन्मों तक उसे निभाते हैं, सनातन पद्धति में विवाह संस्कार है, जिससे व्यक्ति का जीवन सफल होता है, उन्होंने कहा कि प्रेम और रिश्ते के कुछ चरण है जिसमें किसी को देखना पसंद करना, उसे चाहना, उसे पाने का प्रयास करना, उसे पाना और अंतिम चरण है निभाना,, जो निभा जाए वह प्रेमी है और वह संबंधी है,, रिश्तो में आपसी समझ , एक दूसरे प्रति सम्मान ,और ईमानदारी होनी चाहिए, इस अवसर पर संभागीय अध्यक्ष सुरेंद्र श्रीवास उपाध्यक्ष लक्ष्मी श्रीवास सचिव सुरेंद्र श्रीवास कोषाध्यक्ष संतोष श्रीवास शह कोषाध्यक्ष बसंत श्रीवास सहसचिव सुमित श्रीवास् ने, एवं कोरबा बिलासपुर जांजगीर चंiपा के सर्व सेन समाज की महिला समिति एवं प्रदेश पदाधिकारी के द्वारा प्रदेश अध्यक्ष श्री त्रिलोक श्रीवास का पुष्पहार एवं साफा से भव्य स्वागत, इस अवसर पर 11 जोड़ों का विवाह सनातन पद्धति से वैदिक रीति से गायत्री परिवार के विद्वान आचार्य के द्वारा कराया गया, इस अवसर पर मुंगेली जांजगीर चांपा कोरबा रायगढ़ गौरेला पेंड्रा मरवाही शक्ति आदि पूरे प्रदेश के बिलासपुर संभाग के अनेक स्थानों से सेन समाज के हजारों लोग उपस्थित थेll

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