बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) नैक से ए++ ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि अपनी क्षमता को पहचानते हुए पूर्ण मनोयोग एवं समर्पण से शोध कार्य करें जिससे समाज और राष्ट्र को इसका लाभ प्राप्त हो। यह बात कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने शारीरिक शिक्षा विभाग एवं भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय शोध प्रविधि कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर कही। दिनांक 01 से 10 अगस्त, 2024 तक आयोजित रिसर्च मेथडोलोजी कोर्स का विषय शोध एवं मानसिक स्वास्थ्य है।
उद्घाटन अवसर के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि युवा शोधार्थी लक्ष्य का निर्धारण कर समर्पित भाव के साथ उन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए अपनी क्षमता को पहचानते हुए मूल्यवान मौलिक विचारों को आधार बनाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि योग आसान एवं क्रियाओं के माध्यम से शोधार्थी अपनी एकाग्रता तथा चित्त को स्थिर रख सकते हैं जिससे शोध संबंधी चिंतन में मदद मिलेगी।
इससे पूर्व अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। प्रो. विशन सिंह राठौड़ ने स्वागत भाषण दिया। दस दिवसीय कोर्स के कोर्स कोऑर्डिनेटर प्रो. संजीत सरदार ने विषय का प्रवर्तन किया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. ए.एस. रणदिवे तथा शिक्षा विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. सी.एस. वझलवार ने अपने विचार व्यक्त किये। मंचस्थ अतिथियों का स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया। डॉ. महेश सिंह धपोला ने संचलान एवं अंत में धन्यावद ज्ञापन किया।
प्रथम सत्र तकनीकी सत्र में डॉ. महेश सिंह धपोला ने अनुसंधान प्रक्रिया के अवलोकन एवं द्वितीय सत्र में प्रो. आर.के. प्रधान ने अनुसंधान प्रतिवेदन की लेखन विधि एवं रेफरेंसिंग स्टाइल विषय पर व्याख्यान दिया।
दस दिवसीय कोर्स में छत्तीगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, त्रिपुरा के विषय विशेषज्ञ 30 व्याख्यानों के माध्यम से प्रतिभागी शोधार्थियों को शोध प्रविधि से संबंधित विषयों पर जानकारी देंगे। कोर्स में 06 राज्यों के 35 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।