वार्ड क्रमांक 42 चंद्रशेखर आजाद नगर देवरीखुर्द के पार्षद श्री लक्ष्मी यादव द्वारा विकास की कड़ी में एक नया अध्याय जोड़ते हुए बरखदान स्थित प्राइमरी स्कूल के पास एक नवनिर्मित सांस्कृतिक मंच का लोकार्पण किया। उक्त सामुदायिक भवन की मांग क्षेत्र के निवासियों द्वारा लंबे समय से लंबित थी किंतु चुनावी वर्ष होते हुए यहां तक कि आगामी चुनाव के लिए कुछ माह शेष होने के बावजूद विकास कार्य के लिए राशि जुटा पाना तथा प्रदत्त राशि का सदुपयोग करते हुए निश्चित समय में कार्य को क्रियान्वित करने में वार्ड के पार्षद पूर्णतः सक्षम और निपुण होने में कोई शंका, संदेह नहीं है। यही कारण है कि पार्षदी के 5 वर्ष बीत जाने के पश्चात आमजन के मानसपटल में उनकी छवि एक विकास पुरुष के रूप में विकसित हो चुकी है
जिससे उनके विरोधियों में चुनाव हारने भय इस कदर व्याप्त है कि वे उनकी इस छवि को धूमिल करने के लिए दुष्प्रचार का सहारा लेने को मजबूर हो गए है किंतु उनके खिलाफ किए जा रहे किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार का जनता ने सदैव खंडन किया है। वार्ड के लगभग सभी क्षेत्रों की जनता द्वारा उनके पार्षद के कार्यकाल पर संतोष जताया है और आगामी चुनाव में उन्हें ही पुनः पार्षद के रूप में चुनने का निर्णय मानो ले चुकी है। उक्त सांस्कृतिक मंच के लोकार्पण के अवसर पर विभिन्न प्रतिभागियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई
तथा प्रदर्शन के आधार पर प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण कर सम्मानित किया गया। पार्षद लक्ष्मी यादव इस अवसर पर कहा की देवर खुर्द बरखदान के प्राइमरी स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं की मांग एवं बरखदान की युवा साथियों की लंबे समय से यह मांग रही है कि यहां संस्कृतिक भवन बनाया जाए और उनकी इस बहु प्रतीक्षित मांग को ध्यान में रखते हुए यह सांस्कृतिक मंच का निर्माण कराया गया जिसका आज भव्य लोकार्पण का कार्यक्रम हुआ है इसके साथ ही गदा चौक में माता चौरा का निर्माण और देवरी डीह में श्री कृष्ण मंच का निर्माण कराया जा रहा है और
मेरी प्राथमिकता शुरू से ही देवरीखुर्द का विकास रही है और देवरी खुर्द का विकास कहा से और कैसे होगा किस पार्टी वालों से काम मिल रहा है इन बातो का कोई महत्त्व नहीं है मेरे लिए महत्त्वपूर्ण ये है की देवरी खुर्द में विकास हो मेरा ध्यान पूरा उसी में है जिसे मैं पूरी ईमानदारी और पूरे समर्पण भाव से कर रहा हूं इसके लिए निरंतर प्रयास कर रहा हूं और विकास कार्य के अलावा मेरे ध्यान में कुछ है भी नहीं कौन क्या बोल रहा है इन सब चीजों से मुझे न हीं कोई मतलब है ना ही कोई फर्क पड़ता है मेरी प्राथमिकता देवरी खुर्द में विकास विकास और सिर्फ विकास ही है।