बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) नैक से ए++ ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय में दिनांक 22 अगस्त, 2024 को सुबह 11 बजे रजत जयंती के हॉल क्रमांक 1 में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में भूगोलीय, खगोलीय एवं आकाशीय समस्त रहस्यों की व्याख्या उपलब्ध है जिसे हमें समझने की आवश्यकता है। भारतीय युवा अध्ययनशील होने के साथ ही अवलोकन एवं अनुभव का अनुकरण करने वाला है। ऐसे में असीम संभावनाओं से युक्त युवाओं के द्वारा समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए किये गये प्रयासों को सफलता प्राप्त होती है।
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि भारतीय ज्ञान परपंरा वैज्ञानिक रूप से समृद्ध होने के साथ ही खगोलीय गणनाओं के संबंध में सटीक है। ऐसे में युवा शोधार्थियों को अवलोकन एवं स्वाध्याय के माध्यम से अंतरिक्ष एवं ग्रहों में पल-प्रतिपल हो रहे नवीन बदलावों को समझते हुए लिपिबद्ध करना चाहिए ताकि भारत पुन: अंतरिक्ष के क्षेत्र में विश्व में सिरमौर बन सके।
इससे पूर्व अतिथियों को नन्हा पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। मंचस्थ अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर मां सरस्वती एवं बाबा गुरु घासीदास जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किये। मंचस्थ अतिथियों में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. ए.एस. रणदिवे, आईक्यूएसी के निदेशक डॉ. एल.वी.के.एस. भास्कर, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. एस.सी. श्रीवास्तव तथा समन्वयक डॉ. राजेश शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किये।
मंचस्थ अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओँ का विजेता विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र भेंट किये गये। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, अधिकारीगण, शिक्षणगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
