बिलासपुर। अपोलो अस्पताल में वर्ष 2006 में हुई एक गंभीर चिकित्सकीय लापरवाही का मामला अब मानव वध जैसे संगीन अपराध में बदल गया है। अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत की जांच में डॉक्टर की फर्जी डिग्री का खुलासा हुआ है। आरोपी डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम को जिला जेल दमोह से गिरफ्तार कर बिलासपुर लाया जा रहा है। स्वर्गीय पं. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक, का निधन 2 अगस्त 2006 को अपोलो अस्पताल में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी के दौरान हुआ था। उनके पुत्र डॉ. प्रदीप शुक्ला की शिकायत के आधार पर मामला पुनः खोला गया और पुलिस ने तत्काल कार्यवाही शुरू की।

जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपी डॉक्टर की डीएम (कार्डियोलॉजी) की डिग्री फर्जी है तथा वह छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत भी नहीं था। ऐसे में उसे एंजियोप्लास्टी करने का कोई अधिकार नहीं था। मामले को चिकित्सकीय लापरवाही नहीं, बल्कि एक क्रूरतम आपराधिक मानव वध माना गया है। थाना सरकंडा में आरोपी एवं अपोलो अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध अपराध क्रमांक 563/2025, धारा 420, 466, 468, 471, 304, 34 भादवि के तहत अपराध दर्ज किया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी हेतु दमोह और बिलासपुर न्यायालय से अनुमति प्राप्त कर प्रोडक्शन वारंट पर कार्यवाही की गई। पुलिस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए वैज्ञानिक एवं तथ्यात्मक साक्ष्यों का संकलन कर रही है। आरोपी डॉक्टर की अस्पताल में पदस्थापना अवधि के दौरान इलाज किए गए सभी मरीजों की जांच की जा रही है। जांच में एक और मरीज, स्व. भगतराम डॉ. डोडेजा की भी संदिग्ध मृत्यु का मामला सामने आया है, जिसे विवेचना में जोड़ा गया है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और अस्पताल प्रबंधन पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। जिम्मेदारों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

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