गणेश विसर्जन गणेश चतुर्थी पर विराजे भगवान गणेश की आव भगत और सेव

कहते हैं भगवान गणेश अपने भाई कार्तिकेय से मिलने दक्षिण भारत गए थे। 10 दिन बाद वे अपने घर कैलाश वापस लौट गए थे। इसी के पालन में 10 दिणो तक उनकी उपासना करने के बाद विसर्जन की परंपरा है। लेकिन गणपति के भक्त एक दिन का गणेश, 3 दिन का गणेश, 5 दिन का गणेश, 7 दिन का गणेश भी विराजित करते हैं और उसके बाद विसर्जन की प्रक्रिया पूरी की जाती है। इसलिए गणेश चतुर्थी के बाद से ही बिलासपुर के सभी प्रमुख घाटों में विसर्जन का क्रम जारी है। इसी क्रम में रविवार को बड़ी संख्या में गणेश प्रतिमाएं विसर्जन करने गणेश भक्त गाजेबाजे के साथ बिलासपुर के छठ घाट पहुंचे। यहां छोटी बड़ी प्रतिमाओं का विधि विधान के साथ विसर्जन किया गया। प्रतिमाओं को घाट पर लेकर पहुंचे भक्तों ने भगवान गणेश की आरती की और अगले बरस उनके जल्दी आने की कामना करते हुए उनकी प्रतिमा को अरपा नदी के जल में प्रवाहित कर दिया। गणेश की स्थापना और फिर विसर्जन प्रकृति के जीवन मृत्यु के नियम को दर्शाती है। इस चक्र से सभी को गुजरना है, यही संदेश भगवान गणेश दे गए हैं ।

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